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भारत छोड़कर जाने वाले अमीरों की संख्या में होगी कमी, विदेश जाने के मामले में चीन पहले स्थान पर

संपत्ति और वैश्विक निवेश का अध्ययन करने वाली हैनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट-2023 में कहा गया है कि इस वर्ष भारत से 6500 एचएनडब्ल्यूआइ के विदेश जाने की संभावना है। यह संख्या बीते वर्ष की तुलना में 1000 कम है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 15 Jun 2023 05:32 AM (IST)
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इस वर्ष भारत से 6,500 एचएनडब्ल्यूआइ के विदेश जाने की संभावना।(फोटो-जागरण)
नई दिल्ली, जेएनएन। बेहतर होती ईज आफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग और सशक्त आर्थिकी के बीच वर्ष 2023 में भारत से विदेश जाकर बसने और निवेश करने वाले हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनडब्ल्यूआइ) यानी धनी लोगों की संख्या में कमी होगी। संपत्ति और वैश्विक निवेश का अध्ययन करने वाली हैनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट-2023 में कहा गया है कि इस वर्ष भारत से 6,500 एचएनडब्ल्यूआइ के विदेश जाने की संभावना है।

यह संख्या बीते वर्ष की तुलना में 1,000 कम है। निवेश के लिए 10 लाख डॉलर (करीब 8.2 करोड़ रुपये) या अधिक की संपत्ति रखने वालों को एचएनडब्ल्यूआइ माना जाता है। बता दें, ईज आफ डुइंग बिजनेस की वैश्विक रैंकिंग में भारत 10वें स्थान पर है। पहले वह 14वें स्थान पर था।

चीन से हो रहा अधिक पलायन

एचएनडब्ल्यूआइ के विदेश जाने के मामले में चीन पहले स्थान पर है, उसके बाद भारत का स्थान है। चीन से वर्ष 2023 में 13,500 धनी विदेश जाएंगे जो बीते वर्ष से 2,700 अधिक है। तीसरे स्थान पर ब्रिटेन है जहां से वर्ष 2022 की तुलना में दोगुने (3,200) धनी विदेश जा सकते हैं। रिपोर्ट में रूस से 3,000 एचएनडब्ल्यूआइ के विदेश जाने की जानकारी है। इस संख्या में बीते वर्ष की तुलना में 5,500 की गिरावट है।

भारत के लिए चिंता की बात नहीं

रिपोर्ट बनाने में योगदान करने वाली संस्था न्यू व‌र्ल्ड हेल्थ के शोध प्रमुख एंड्रूय एमोलिस का कहना है कि एचएनडब्ल्यूआइ का विदेश जाना भारत के लिए विशेष ¨चता का विषय नहीं है क्योंकि यहां विदेश जाने वालों से अधिक संख्या में नए करोड़पति बनते हैं। हालांकि बीते कुछ वर्ष में विदेश जाने वाले एचएनडब्ल्यूआइ की बढ़ती संख्या चीन के लिए चिंता का विषय हो सकती है।

ये हैं पसंदीदा देश

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में आस्ट्रेलिया में सबसे अधिक 5,200 एचएनडब्ल्यूआइ बसेंगे। संयुक्त अरब अमीरात (4,500) दूसरे स्थान पर खिसक गया है। 3,200 एचएनडब्ल्यूआइ के साथ सिंगापुर तीसरे और 2,100 के साथ अमेरिका चौथे स्थान पर है। अमेरिका में वर्ष 2019 में 10,800 एचएनडब्ल्यूआइ बसने के लिए आए थे।

रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका कोरोना पूर्व समय की तुलना में धनी लोगों द्वारा कम पसंद किया जा रहा है। पांचवें स्थान पर स्विट्जरलैंड (1,800), छठे पर ग्रीस (1,200), सातवें पर फ्रांस (1,000), आठवें पर पुर्तगाल (800) और नौंवें स्थान पर न्यूजीलैंड (700) है।

भारत में तीन लाख से अधिक एचएनडब्ल्यूआइ

वर्ष 2022 की समाप्ति पर भारत विश्व के अमीर देशों की सूची (डब्ल्यू10) में दसवें स्थान पर था। मीडिया रिपो‌र्ट्स के अनुसार भारत में तीन लाख 44 हजार 600 एचएनडब्ल्यूआइ हैं। जबकि 1,078 सेंटी-मिलियनेयर (10 करोड़ डॉलर या 820 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाले) और 123 अरबपति (एक बिलियन डॉलर या 8,200 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाले) हैं।

चीन में सात लाख 80 हजार एचएनडब्ल्यूआइ और 283 अरबपति हैं। अमेरिका में 52 लाख 70 हजार एचएनडब्ल्यूआइ और 770 अरबपति हैं।