त्योहारी सीजन में नहीं होगी गेहूं, चावल और चीनी की कमी, खाद्य सचिव ने कहा- देश में इनकी पर्याप्त आपूर्ति
खाद्य सचिव ने कहा कि 31 अगस्त तक सरकार के पास 202 लाख टन की आवश्यकता के मुकाबले 255 लाख टन गेहूं का स्टाक था। उन्होंने कहा कि अगर कीमतों में किसी तरह का अप्रत्याशित उछाल आता है तो सरकार खुले बाजार में और गेहूं बेच सकती है।खराब मानसून की धारणा से बढ़ीं चावल की कीमतें पिछले कुछ दिनों में चावल की कीमतों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
नई दिल्ली, पीटीआई। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा है कि आगामी त्योहारी सीजन में गेहूं, चावल और खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में किसी तरह की तेजी आने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि ना केवल देश में इनकी पर्याप्त आपूर्ति है बल्कि सरकार जमाखोरों पर भी कड़ी नजर रख रही है। वहीं सरकार ने कीमतों में हालिया बढ़ोतरी को देखते हुए गेहूं कारोबारियों, थोक और खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टाक रखने की सीमा तत्काल प्रभाव से 3,000 टन से घटाकर 2,000 टन कर दी है।
एनसीडीईएक्स पर गेहूं की कीमतों में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी
तीन महीने पहले 12 जून को सरकार ने इन कारोबारियों के लिए गेहूं की स्टाक सीमा को मार्च, 2024 तक 3,000 टन कर दिया था। दरअसल, सरकार ने पाया कि पिछले एक महीने में एनसीडीईएक्स पर गेहूं की कीमतों में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह 2,550 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है। खाद्य सचिव ने कहा कि गेहूं की देश में पर्याप्त उपलब्धता है और कुछ लोग कृत्रिम कमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या कहा खाद्य सचिव ने ?
खाद्य सचिव ने कहा कि 31 अगस्त तक सरकार के पास 202 लाख टन की आवश्यकता के मुकाबले 255 लाख टन गेहूं का स्टाक था। उन्होंने कहा कि अगर कीमतों में किसी तरह का अप्रत्याशित उछाल आता है तो सरकार खुले बाजार में और गेहूं बेच सकती है।
खराब मानसून की धारणा से बढ़ीं चावल की कीमतें पिछले कुछ दिनों में चावल की कीमतों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। चावल की कीमतें मुख्य रूप से इसलिए बढ़ रही हैं, क्योंकि यह धारण बन रही है कि इस साल मानसून उतना अच्छा नहीं रहेगा और इससे चावल का उत्पादन प्रभावित होगा। खाद्य सचिव ने कहा कि इस तरह की धारणा कुछ लोगों द्वारा समाज में पैदा की जा रही है। जबकि सही बात यह है कि फसल की स्थिति अच्छी है और चावल के उत्पादन किसी तरह की कमी की उम्मीद नहीं है।
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देश में 85 लाख टन चीनी का भंडार
खाद्य सचिव ने कहा कि देश के अधिकांश हिस्सों में चीनी की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन कुछ बाजारों में कीमतों में तेजी आई है। फिलहाल देश में 85 लाख टन चीनी का भंडार है, जो साढ़े तीन महीने की जरूरत के लिए पर्याप्त है। जहां तक त्योहारी सीजन की बात है तो सरकार ने अगस्त में दो लाख टन अतिरिक्त यानी कुल 25 लाख टन चीनी जारी की है। मोटे तौर पर देखें तो चीनी की उपब्धता अच्छी है और सरकार इस साल गन्ना उत्पादन में संभावित गिरावट पर उद्योग संगठन आइएसएमए द्वारा व्यक्त की गई आशंका से सहमत नहीं है। इसकी वजह यह है कि इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक और महाराष्ट्र में अच्छी बारिश हुई है और उम्मीद है कि इससे गन्ने का उत्पादन बढ़ेगा।
अब तक 37 लाख टन खाद्य तेलों का आयात
खाद्य सचिव ने कहा कि इस साल अब तक 37 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया है। पिछले साल इसी समयावधि में 27 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया था। कम वैश्विक कीमतों का फायदा उठाते हुए उद्योग ने इस साल रिकार्ड खाद्य तेल का आयात किया है। उन्होंने कहा, 'हमारे पास पर्याप्त स्टाक है, इसलिए आने वाले त्योहारी सीजन में खाद्य तेलों की किसी तरह की कमी या उनकी कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है।
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