त्योहारी सीजन में नहीं होगी गेहूं, चावल और चीनी की कमी, खाद्य सचिव ने कहा- देश में इनकी पर्याप्त आपूर्ति
खाद्य सचिव ने कहा कि 31 अगस्त तक सरकार के पास 202 लाख टन की आवश्यकता के मुकाबले 255 लाख टन गेहूं का स्टाक था। उन्होंने कहा कि अगर कीमतों में किसी तरह का अप्रत्याशित उछाल आता है तो सरकार खुले बाजार में और गेहूं बेच सकती है।खराब मानसून की धारणा से बढ़ीं चावल की कीमतें पिछले कुछ दिनों में चावल की कीमतों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 14 Sep 2023 11:23 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा है कि आगामी त्योहारी सीजन में गेहूं, चावल और खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में किसी तरह की तेजी आने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि ना केवल देश में इनकी पर्याप्त आपूर्ति है बल्कि सरकार जमाखोरों पर भी कड़ी नजर रख रही है। वहीं सरकार ने कीमतों में हालिया बढ़ोतरी को देखते हुए गेहूं कारोबारियों, थोक और खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टाक रखने की सीमा तत्काल प्रभाव से 3,000 टन से घटाकर 2,000 टन कर दी है।
एनसीडीईएक्स पर गेहूं की कीमतों में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी
तीन महीने पहले 12 जून को सरकार ने इन कारोबारियों के लिए गेहूं की स्टाक सीमा को मार्च, 2024 तक 3,000 टन कर दिया था। दरअसल, सरकार ने पाया कि पिछले एक महीने में एनसीडीईएक्स पर गेहूं की कीमतों में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह 2,550 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है। खाद्य सचिव ने कहा कि गेहूं की देश में पर्याप्त उपलब्धता है और कुछ लोग कृत्रिम कमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या कहा खाद्य सचिव ने ?
खाद्य सचिव ने कहा कि 31 अगस्त तक सरकार के पास 202 लाख टन की आवश्यकता के मुकाबले 255 लाख टन गेहूं का स्टाक था। उन्होंने कहा कि अगर कीमतों में किसी तरह का अप्रत्याशित उछाल आता है तो सरकार खुले बाजार में और गेहूं बेच सकती है।
खराब मानसून की धारणा से बढ़ीं चावल की कीमतें पिछले कुछ दिनों में चावल की कीमतों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। चावल की कीमतें मुख्य रूप से इसलिए बढ़ रही हैं, क्योंकि यह धारण बन रही है कि इस साल मानसून उतना अच्छा नहीं रहेगा और इससे चावल का उत्पादन प्रभावित होगा। खाद्य सचिव ने कहा कि इस तरह की धारणा कुछ लोगों द्वारा समाज में पैदा की जा रही है। जबकि सही बात यह है कि फसल की स्थिति अच्छी है और चावल के उत्पादन किसी तरह की कमी की उम्मीद नहीं है।
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