राज्यसभा से आए ये सात केंद्रीय मंत्री लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव, मांडविया पर बड़ा दांव खेल सकती है भाजपा
Lok Sabha Elections 2024 भाजपा ने राज्यसभा के टिकट में पुराने के बजाय नए चेहरों पर ज्यादा भरोसा किया है। पार्टी ने कुल 28 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जिनमें केवल चार ही ऐसे हैं जो पहले से राज्यसभा सदस्य हैं। बाकी 24 नए चेहरे हैं। टिकट पाने वाले चार राज्यसभा सदस्यों में जेपी नड्डा अश्वनी वैष्णव सूचना व प्रसारण राज्यमंत्री एल मुरुगन और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी हैं।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। राज्यसभा से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल सात मंत्री लोकसभा चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। इनका कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है और पार्टी ने इन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं दिया है। राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने वाले सिर्फ दो मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और एल मुरुगन को टिकट दिया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस बार हिमाचल प्रदेश के बजाय गुजरात से राज्यसभा में आएंगे।
इन सात पर चला दांव
राज्यसभा की कुल खाली हो रही 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान होना है। राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने वाले जिन केंद्रीय मंत्रियों को फिर से उच्च सदन में नहीं भेजा जा रहा है कि उनमें शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, श्रम तथा पर्यावरण व वन मंत्री भूपेंद्र यादव, सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर, विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन, पशुपालन व मत्स्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और मध्यम, लघु व सूक्ष्म उद्योग मंत्री नारायण राणे शामिल हैं।
मांडविया की टिकट पक्की
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पहले ही राज्यसभा के रास्ते मंत्रिमंडल में आने कई मंत्रियों के लोकसभा में चुनाव लड़ने के संकेत दे दिया था। इसे देखते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने पहले से ही ओडिशा से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी थी। इसी तरह से मनसुख मांडविया को गुजरात में लोकसभा का टिकट दिया जाएगा।भूप्रेंद्र यादव को राजस्थान या हरियाणा से टिकट
केरल में पैर जमाने की कोशिश कर रही पार्टी राजीव चंद्रशेखर और वी मुरलीधरण को मैदान में उतार सकती है। दोनों केरल से ही आते हैं। इसी तरह से नारायण राणे महाराष्ट्र, पुरुषोत्तम रुपाला का गुजरात से लोकसभा चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। वहीं भूप्रेंद्र यादव को राजस्थान या हरियाणा से टिकट दिया जा सकता है। इसके अलावा इस साल के अंत तक कार्यकाल पूरा करने वाले कई राज्यसभा सांसदों और मंत्रियों को भी लोकसभा मैदान में उतार सकती हैं।