Move to Jagran APP

भारतीय सेना की वार्षिक परेड अबकी बार लखनऊ में, 15 जनवरी 2024 से होगी शुरुआत

परंपरागत रूप से भारतीय सेना दिवस परेड दिल्ली में होती रही थी मगर लंबे समय से चली आ रही इस प्रथा में इस साल जनवरी में पहला बदलाव हुआ और यह परेड कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु मेंआयोजित की गई। सैन्य सूत्रों के अनुसार सेना दिवस परेड को अब राजधानी दिल्ली से बाहर देश के दूसरे शहरों में ले जाने का क्रम जारी रखने का अहम निर्णय लिया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Sun, 24 Sep 2023 08:15 PM (IST)
Hero Image
पिछला कार्यक्रम दक्षिणी कमान क्षेत्र में आयोजित किया गया था -
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सेना ने अपनी वार्षिक परेड को राजधानी दिल्ली से बाहर ले जाने की शुरूआत को जारी रखते हुए अगले साल का सेना दिवस परेड देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में करने का फैसला किया है। लखनऊ स्थित सेना की मध्य कमान 2024 के जनवरी में इस वार्षिक परेड की मेजबानी करेगा।

इस प्रथा में इस साल जनवरी में पहला बदलाव हुआ

परंपरागत रूप से भारतीय सेना दिवस परेड दिल्ली में होती रही थी मगर लंबे समय से चली आ रही इस प्रथा में इस साल जनवरी में पहला बदलाव हुआ और यह परेड कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु मेंआयोजित की गई। सैन्य सूत्रों के अनुसार सेना दिवस परेड को अब राजधानी दिल्ली से बाहर देश के दूसरे शहरों में ले जाने का क्रम जारी रखने का अहम निर्णय लेते हुए 15 जनवरी 2024 की परेड लखनऊ में करने का फैसला हुआ है।

क्या है इस ऐतिहासिक निर्णय का उद्देश्य?

इस ऐतिहासिक निर्णय का उद्देश्य स्थानों में विविधता लाना और विभिन्न क्षेत्रों को सेना के कार्यक्रम की भव्यता का गवाह बनाना है। बेंगलुरु कार्यक्रम के बाद भारतीय सेना ने यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि उसके छह ऑपरेशनल कमांडों में से प्रत्येक को परेड की मेजबानी करने का मौका मिले। विचार यह है कि कार्यक्रम को सभी कमांडों के भीतर चयनित स्थानों पर बारी-बारी से आयोजित किया जाए।

यह भी पढ़ें- 'मेक इन इंडिया' पहल में मिली एक और कामयाबी, भारतीय नौसेना को मिला तीसरा मिसाइल-एम्युनिशन जहाज

अगली परेड मध्य कमान की मेजबानी में होगा

पिछला कार्यक्रम दक्षिणी कमान क्षेत्र में आयोजित किया गया था और अगली परेड मध्य कमान की मेजबानी में होगा। सूत्रों ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य सेना का सार्वजनिक सेना बढ़ाना, राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना और देश भर के विविध दर्शकों के सामने भारतीय सेना की ताकत और अनुशासन को प्रदर्शित करना है। परेड का रोटेशन केवल शहरों को बदलने के बारे में नहीं है, बल्कि विभिन्न कमांडों पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में है, जिनमें से प्रत्येक देश की रक्षा में एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह उन विशिष्ट सांस्कृतिक और क्षेत्रीय पृष्ठभूमियों को उजागर करने का भी मौका देता है जिनके खिलाफ हमारी सेना काम करती है। सूत्र ने बताया कि लखनऊ में परेड को भव्य बनाने के पहलुओं जैसे परेड मार्ग, भाग लेने वाली इकाइयों और किसी विशेष आकर्षण की कार्ययोजना पर अभी विचार किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने तेजू एयरपोर्ट का किया उद्घाटन, कहा- अरुणाचल प्रदेश के लिए आज का दिन एतिहासिक