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दस्यु सूबेदार सिंह उर्फ राधे सहित तीन डकैतों को फांसी की सजा

राधे सहित तीन डकैतों को पिता-पुत्र की हत्या में दोषी मानते हुए शनिवार को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई।

By Manoj YadavEdited By: Updated: Sun, 08 May 2016 02:22 PM (IST)
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चित्रकूट। जेल में बंद दस्यु सूबेदार सिंह उर्फ राधे सहित तीन डकैतों को पिता-पुत्र की हत्या में दोषी मानते हुए शनिवार को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई। दो अन्य डकैतों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। नौ साल पूर्व हुए दोहरे हत्याकांड का यह फैसला अपर जिला जज पीके श्रीवास्तव ने सुनाया।

हत्या की दिल दहलाने वाली घटना 12 अगस्त 2006 को मानिकपुर क्षेत्र गढ़वा हार में ऊंचाडीह के पास हुई थी। मऊ गुरदरी गांव के चुन्नीलाल मिश्रा ने दूसरे दिन रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनका भाई मुन्नीलाल मिश्रा व भतीजा भक्खू उर्फ हरिश्चंद्र मिश्रा मानिकपुर से ट्रैक्टर में डीजल लेकर घर लौट रहे थे। तभी गढ़वा हार में दस्यु ददुआ गिरोह के सदस्यों ने ट्रैक्टर के टायर में गोली मारकर पंचर कर दिया था और मुन्नीलाल व हरिश्चंद्र को गोलियों से छलनी कर डाला था। इसके बाद दोनों के शव को ट्रैक्टर के कल्टीवेटर पर रखकर डीजल डाल आग लगा दिया था। हत्या के बाद बदमाश मुन्नीलाल की लाइसेंसी दोनाली बंदूक भी ले गए थे।

चुन्नीलाल ने डकैत ददुआ, राधे सहित सात को आरोपी बनाया था। विवेचना में 14 डकैतों के नाम सामने आए थे। मुकदमे के दौरान दस्यु ददुआ, अंगद, सुग्रीव, नत्थू, राजू कोल, छोटा पटेल, शिवकरन कोल, अशोक कोल व अनिरुद्घ की मौत हो गई। अभियोजन अधिकारी विवेक चन्द्रा ने बताया कि शनिवार को अपर जिला जज पीके श्रीवास्तव ने जेल में बंद दस्यु सूबेदार सिंह उर्फ राधे, रोहिणी उर्फ तहसीलदार, भोंडा उर्फ गोटर को फांसी की सजा सुनाई। अभियुक्त रामसागर कोल व मुंशीवा कोल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। प्रत्येक अभियुक्त को साढ़े चौदह हजार रुपये अर्थदंड से भी लगाया गया।