IPC, CrPC और Evidence Act की जगह लेंगे तीन नए विधेयक, आज से मंथन करेगी संसदीय समिति
न्याय संहिता नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर आज से संसदीय समिति मंथन करेगी। इस दौरान विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे। यह बैठक तीन दिन तक चलेगी। तीनों विधेयक अंग्रेजों के बनाए कानूनों की जगह लेंगे। इन तीनों विधेयकों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किया था।
अमित शाह ने 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किया विधेयक
'न्याय देना है प्रस्तावित कानूनों का उद्देश्य'
ये भी पढ़ें: IPC-CrPC: FIR से जजमेंट तक ऑनलाइन, नाबालिग से दुष्कर्म और मॉब लिंचिंग पर मौत की सजा; 3 नए बिल से क्या बदलेगा?चार वर्ष तक व्यापक विचार-विमर्श के बाद तीनों विधेयकों को तैयार किया गया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों, सभी सांसदों, विधायकों, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासकों के साथ ही विधि विश्वविद्यालयों की भी सलाह मांगी गई थी। इनमें से 18 राज्यों, छह संघ शासित प्रदेशों, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों, 16 हाई कोर्टों, 142 सांसदों, 270 विधायकों और आम जनता से विचार मिले, जिन्हें इनमें शामिल किया गया है।