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IPC, CrPC और Evidence Act की जगह लेंगे तीन नए विधेयक, आज से मंथन करेगी संसदीय समिति

न्याय संहिता नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर आज से संसदीय समिति मंथन करेगी। इस दौरान विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे। यह बैठक तीन दिन तक चलेगी। तीनों विधेयक अंग्रेजों के बनाए कानूनों की जगह लेंगे। इन तीनों विधेयकों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किया था।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 11 Sep 2023 05:30 AM (IST)
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IPC CrPC Evidence Act की जगह लेंगे तीन नए विधेयक, आज से मंथन करेगी संसदीय समिति

नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति सोमवार से तीन दिनों तक मंथन करेगी। इस दौरान समिति विशेषज्ञों के विचार को सुनेगी।

अमित शाह ने 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किया विधेयक

इन तीनों विधेयकों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किया था। ये विधेयक अंग्रेजों के बनाए कानूनों इंडियन पीनल कोड (IPC), क्रिमिनल प्रोसिजर कोड (CrPC) और इंडियन एविडेंस एक्ट (Evidence Act) की जगह लाए गए हैं।

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'न्याय देना है प्रस्तावित कानूनों का उद्देश्य'

इन विधेयकों को पेश करते समय गृह मंत्री ने कहा था कि अंग्रेजों के जमाने के कानूनों का मूल उद्देश्य दंड देना था, जबकि प्रस्तावित कानूनों का उद्देश्य न्याय देना है और इसका आत्मा भारतीय है। अमित शाह के अनुरोध पर तीनों विधेयकों को गृह मंत्रालय से संबंधित स्थायी समिति को भेज दिया गया था। अमित शाह ने कहा था,

चार वर्ष तक व्यापक विचार-विमर्श के बाद तीनों विधेयकों को तैयार किया गया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों, सभी सांसदों, विधायकों, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासकों के साथ ही विधि विश्वविद्यालयों की भी सलाह मांगी गई थी। इनमें से 18 राज्यों, छह संघ शासित प्रदेशों, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों, 16 हाई कोर्टों, 142 सांसदों, 270 विधायकों और आम जनता से विचार मिले, जिन्हें इनमें शामिल किया गया है।

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