Revised Criminal Law Bills: आपराधिक न्याय प्रणाली के भारतीय युग का आगाज, नए क्रिमिनल लॉ बिल पर सदन की मुहर
औपनिवेशिक आपराधिक न्याय प्रणाली की जगह भारतीय न्याय प्रणाली के नए युग का आगाज करने वाले तीन विधेयकों पर संसद की मुहर लग गई। लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी तीनों विधेयक पारित हो गए। विधेयकों पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश अब में ब्रिटिश संसद द्वारा बनाए कानूनों की जगह भारतीयों द्वारा भारतीयों के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानून का शासन होगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। औपनिवेशिक आपराधिक न्याय प्रणाली की जगह भारतीय न्याय प्रणाली के नए युग का आगाज करने वाले तीन विधेयकों पर संसद की मुहर लग गई। लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी तीनों विधेयक पारित हो गए।
भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानून का शासन होगाः शाह
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम से जुड़े विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश अब में ब्रिटिश संसद द्वारा बनाए कानूनों की जगह भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानून का शासन होगा।
तीनों विधेयकों के कानून बनने के बाद देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में होने वाले आमूलचूल परिवर्तन का ब्योरा देते हुए अमित शाह ने कहा कि इन कानूनों में देश की मिट्टी की सुगंध भी है और इनका आत्मा पूरी तरह से भारतीय है।
उनके अनुसार इन कानूनों को बनाते समय जहां एक ओर भारत में हजारों वर्षों के न्याय दर्शन को ध्यान में रखा गया है, वहीं डिजिटल और फोरेंसिक को स्थान देकर इन्हें वैज्ञानिक और अत्याधुनिक बनाने का भी प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के लागू होने से भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली दो सदियों की छलांग लगाकर 19वीं सदी से सीधे 21वीं सदी में प्रवेश करेगी।
कानूनों का आत्मा भी भारतीय है, शरीर भी भारतीयः शाह
उनके अनुसार इन कानूनों का आत्मा भी भारतीय है, शरीर भी भारतीय है और सोच भी भारतीय है। विपक्षी सांसदों की गैरमौजदूगी में अमित शाह ने राज्यसभा में औपनिवेशिक कानूनों को नहीं बदलने और जनता के खिलाफ उनका इस्तेमाल जारी रखने के लिए कांग्रेस पर जमकर हमला किया।उन्होंने कहा कि जिस राजद्रोह के कानून के तहत महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक और वीर सावरकर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को जेल जाना पड़ा, कांग्रेस ने आजादी के बाद उसे कभी बदलने की कोशिश ही नहीं की। इसके बजाय आपातकाल के दौरान इसका जमकर इस्तेमाल किया।
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