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Study: भारत में 4 में से 3 स्मार्टफोन यूजर नोमोफोबिया से पीड़ित, चार्जिंग कम होने पर तनाव में आ जाते हैं लोग

नोमोफोबिया ला बैटरी एंजाइटी कंज्यूमर स्टडी शीर्षक वाली रिपोर्ट में यूजर के मस्तिष्क का अध्ययन किया गया है क‍ि किस प्रकार कम होती मोबाइल की बैट्री उसके डर का प्रमुख कारण है। ओप्पो इंडिया के सीएमओ दमयंत सिंह खनोरिया ने यह अध्ययन नोमोफोबिया की बारीकियों को समझने में मदद करेगा।

By AgencyEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Fri, 05 May 2023 11:38 PM (IST)
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यह बात ग्लोबल स्मार्टफोन डिवाइस ब्रांड 'ओप्पो' और काउंटरप्वाइंट ने अपनी रिपोर्ट में कही।
नई दिल्ली, आईएएनएस। देश में चार में से तीन मोबाइल यूजर नोमोफोबिया (मोबाइल से दूर होने का डर) से पीड़ित हैं। यह बात ग्लोबल स्मार्टफोन डिवाइस ब्रांड 'ओप्पो' और काउंटरप्वाइंट ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में कही। रिपोर्ट के अनुसार, देश में 72 प्रतिशत स्मार्टफोन यूजर बैट्री 20 प्रतिशत या उससे कम होने पर तनाव में आ जाते हैं तो 65 प्रतिशत यूजर बैट्री समाप्त होने पर भावानात्मक परेशानी से गुजरते हैं।

यूजर के मस्तिष्क का अध्ययन किया गया

'नोमोफोबिया: ला बैटरी एंजाइटी कंज्यूमर स्टडी' शीर्षक वाली रिपोर्ट में यूजर के मस्तिष्क का अध्ययन किया गया है, क‍ि किस प्रकार कम होती मोबाइल की बैट्री उसके डर का प्रमुख कारण है। ओप्पो इंडिया के सीएमओ दमयंत सिंह खनोरिया ने, 'यह अध्ययन नोमोफोबिया की बारीकियों को समझने में मदद करेगा। इससे ओप्पो को समस्या के समाधान में मदद मिलेगी।' रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक ने कहा कि स्मार्टफोन हमारा संसार बन चुका है।

बैट्री कम होने पर तनाव में आ जाते हैं लोग

हालांकि, कई लोगों को फोन नहीं होने पर डर सताता है। यही कारण है कि लोग बैट्री कम होने या फोन का प्रयोग नहीं कर पाने पर तनाव में आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि बैट्री कम होने की च‍िंता 25 से 30 आयुवर्ग की अपेक्षा कामकाजी 31 से 40 आयुवर्ग के लोगों में अधिक होती है।