Titan Submarine: समुद्र में पनडुब्बी के उड़े परखच्चे, तस्वीरों के जरिए धमाके का लगाया जा सकता है अंदाजा
Titan Submarine टाइटैनिक मलबा दिखाने गई टाइटन पनडुब्बी समुद्र में अचानक लापता हो गई जिसके बाद अमेरिकी तटरक्षक कनाडाई सैन्य विमान फ्रांसीसी जहाज और टेलीगाइडेड रोबोट ने तलाशी अभियान चलाया गया। इन तस्वीरों को जरिए देखा जा सकता है कि धमाके में पनडुब्बी का क्या हश्र हुआ है। इस मलबे को कनाडा के सेंट जॉन्स बंदरगाह पर होराइजन आर्कटिक जहाज से लाया गया है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। उत्तरी अटलांटिक में टाइटैनिक जहाज को देखने के ख्वाब से समुद्र की गहराइयों में उतरे पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। 18 जून को टाइटैनिक मलबा दिखाने गई टाइटन पनडुब्बी समुद्र में अचानक लापता हो गई, जिसके बाद अमेरिकी तटरक्षक, कनाडाई सैन्य विमान, फ्रांसीसी जहाज और टेलीगाइडेड रोबोट ने तलाशी अभियान चलाया गया।
(फोटो सोर्स: एपी)
पनडुब्बी में सवार सभी यात्रियों की हुई मौत
तलाशी अभियान के दौरान टाइटैनिक जहाज के पास लापता पनडुब्बी का मलबा मिला। मलबे को कनाडा के सेंट जॉन्स बंदरगाह पर होराइजन आर्कटिक जहाज से लाया गया है यूएस कोस्ट गार्ड ने यह जानकारी दी है।
यूएस कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन माउगर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि टाइटन सबमर्सिबल की खोज के दौरान लगाए गए यंत्रों में धमाकों की आवाज नहीं सुनाई दी, जिससे माना जाता है कि पनडुब्बी में सवार सभी यात्रियों की मौत हो गई है।
(फोटो सोर्स: एपी)
समुद्र की सतह से 12,500 फीट की गहराई पर मिला मलबा
कनाडाई जहाज होराइजन आर्कटिक की मदद से पनडुब्बी मलबे की तलाशी की गई। जानकारी के मुताबिक, इस पनडुब्बी का मलबा समुद्र की सतह से 12,500 फीट की गहराई में है।
(फोटो सोर्स: एपी)
अवशेषों को निकालने का काम जारी
यह मलबा समुद्र में 12,500 फीट की गहराई में मिला। पनडुब्बी के अवशेषों को खोजकर समुद्र से बाहर निकाला जा रहा है। पनडुब्बी के मलबे को कनाडा के सेंट जॉन्स बंदरगाह पर होराइजन आर्कटिक जहाज से लाया गया है।
(फोटो सोर्स: एपी)
इन पांच लोगों की हुई मौत
पनडुब्बी में ब्रिटिश व्यवसायी हामिश हार्डिंग, ब्रिटिश-पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद और उनका बेटा सुलेमान सहित कुल पांच लोग सवार थे।
(फोटो सोर्स: एपी)
कनाडाई पोत होराइजन आर्कटिक ने पनडुब्बी के अवशेष खोजने के लिए टाइटैनिक के मलबे के पास समुद्री सतह में दूर से संचालित वाहन (आरओवी) से जांच की। आरओवी के स्वामित्व वाली कंपनी पेलागिक रिसर्च सर्विसेस ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उसने पड़ताल पूरी कर ली है।
(फोटो सोर्स: एपी)
जानकारी के मुताबिक, 15 लाख ब्रिटिश पाउंड की लागत से इस पनडुब्बी को तीन साल में बनाया गया था।
(फोटो सोर्स: एपी)