TMC ने संसद की कार्यवाही पर मीडिया के प्रतिबंध की निंदा की; पत्रकारों को सुविधाएं बहाल करने को कहा
टीएमसी ने संसद में मीडिया को प्रतिबंधित करने के मुद्दे पर आवाज बुलंद की। पार्टी द्वारा पत्रकार बिरादरी के साथ एकजुटता व्यक्त की गई। पार्टी ने एक बयान में इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह का प्रतिबंध लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है।
By Nitin AroraEdited By: Updated: Thu, 02 Dec 2021 04:26 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। टीएमसी ने गुरुवार को संसद में मीडिया को प्रतिबंधित करने के मुद्दे पर आवाज बुलंद की। पार्टी द्वारा पत्रकार बिरादरी के साथ एकजुटता व्यक्त की गई और संसद की कार्यवाही को कवर करने के लिए मीडिया को सभी सुविधाएं तत्काल बहाल करने का आह्वान किया। पार्टी ने एक बयान में इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह का प्रतिबंध लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है।
पार्टी ने कहा, 'बंगाल की मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष, ममता बनर्जी, पूरे तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के साथ, संसद तक सीमित कवरिंग के मुद्दे पर पत्रकार बिरादरी के साथ हमारी पूरी एकजुटता व्यक्त करना चाहती हैं। संसद हमारे लोकतंत्र का दिल है और उस पर रिपोर्टिंग करना एक अच्छी लोकतांत्रिक परंपरा है। एक स्वतंत्र और मजबूत मीडिया संसदीय लोकतंत्र की आत्मा है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विचार का अधिकार एक जीवंत लोकतंत्र की नींव है।'
पार्टी ने पत्रकारों को संसद को कवर करने के लिए सभी सुविधाओं को तत्काल बहाल करने का आह्वान किया ताकि संस्था को मजबूत किया जा सके। बता दें कि भारत विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में 180 देशों में 142 वें स्थान पर है। यह और नीचे जा रहा है। कुछ साल पहले हम 136 पर थे, अब 142 पर है।
पार्टी ने एक बयान में कहा गया, 'पत्रकारों के खिलाफ शारीरिक शोषण और पूर्वाग्रह जैसे पीड़ितों को लक्षित करना विश्व रैंकिंग सूचकांक में गिरावट के अन्य कारणों में से एक है। आइए यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करें कि हमारी स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में, स्वतंत्र मीडिया की स्वतंत्र भावना को किसी भी तरह से नियंत्रित नहीं किया जाता हो।'