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Pro-Tem Speaker Row: TMC, कांग्रेस और DMK ने मिलाया हाथ, भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब का साथ देने का ठुकराया प्रस्ताव

Pro tem Speaker Row प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और विपक्षी के बीच घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस सांसद के सुरेश तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय और डीएमके के टीआर बालू को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब की सहायता के लिए दी गई भूमिका को इंडिया ब्लॉक खारिज कर सकता है। तीनों दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया।

By Versha Singh Edited By: Versha Singh Updated: Sun, 23 Jun 2024 01:16 PM (IST)
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Pro tem Speaker Row: TMC, कांग्रेस, DMK ने मिलाया हाथ (फाइल फोटो)

ऑनलाइन डेस्क, कोलकाता। Pro tem Speaker Row: 18वीं लोकसभा के पहले सत्र से पहले प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं। सरकार ने 20 जून को कटक से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया था। इसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज की थी और कहा था कि कांग्रेस के आठ बार के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश की जगह सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करना लोकसभा के नियमों का उल्लंघन है।

सुरेश, बंद्योपाध्याय और टीआर बालू ने लिया ये फैसला

कांग्रेस सांसद के सुरेश, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय और डीएमके के टीआर बालू को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब की सहायता के लिए दी गई भूमिका को इंडिया ब्लॉक खारिज कर सकता है। तीनों दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद शनिवार को यह फैसला लिया गया।

भारतीय ब्लॉक ने इस बात का कड़ा विरोध किया है कि किस तरह से केरल से आठ बार सांसद रहे सुरेश को नजरअंदाज कर कटक से सात बार विधायक रहे भाजपा सांसद महताब को अध्यक्ष बनाया गया। परंपरा के अनुसार, सबसे वरिष्ठ सांसद को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है।

26 जून को होंगे लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव

प्रोटेम स्पीकर और उनकी सहायता के लिए नियुक्त किए गए लोग 24 जून से 26 जून तक नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों को शपथ दिलाएंगे।

26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होने की उम्मीद है। पिछले सप्ताह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महताब को अध्यक्ष के चुनाव तक लोकसभा के पीठासीन अधिकारी के कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए नियुक्त किया था।

वरिष्ठ सांसदों - सुरेश, बालू, बंद्योपाध्याय और भाजपा सांसदों राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते के एक पैनल को महताब की सहायता के लिए नियुक्त किया गया था।

हम दर्ज कराएंगे अपना विरोध- TMC सांसद

तृणमूल के एक वरिष्ठ सांसद ने कहा, हमने अपना विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है। जिस तरह से सुरेश को नजरअंदाज किया गया। वह न केवल आठ बार के सांसद हैं, बल्कि दलित भी हैं। संसदीय मानदंडों को धता (defying) बताते हुए भाजपा सांसद को चुनना गलत है।

प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए नियुक्त किए गए इंडिया ब्लॉक के कोई भी सांसद अपनी भूमिका नहीं निभाएंगे। शनिवार को एक संयुक्त बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।

हालांकि, भाजपा का कहना है कि सुरेश के आठ कार्यकाल (अदूर से चार और मावेलीकारा से चार) बिना किसी अंतराल के नहीं आए, लेकिन महताब 1998 से लगातार कटक जीतते आ रहे हैं। उन्होंने बीजद उम्मीदवार के रूप में छह बार जीत हासिल की, उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की।

सोमवार से शुरू हो रहे लोकसभा के विशेष सत्र से पहले यह दूसरा मौका है जब तृणमूल, कांग्रेस और डीएमके ने मिलकर भाजपा से मुकाबला करने का संकल्प लिया है।

इससे पहले बंगाल की सीएम और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने 1 जुलाई से नए आपराधिक कानून संहिताओं को जल्दबाजी और मनमाने ढंग से लागू करने के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। कांग्रेस और डीएमके ने भी पिछले नवंबर में विधेयकों का विरोध करते हुए असहमति पत्र प्रस्तुत किया था।

कौन होता है प्रोटेम स्पीकर?

प्रोटेम लैटिन शब्द प्रो टैम्पोर से आया है। इसका मतलब होता है- कुछ समय के लिए। प्रोटेम स्पीकर अस्थायी स्पीकर होता है। लोकसभा या विधानसभा चुनाव होने के बाद सदन को चलाने के लिए सत्ता पक्ष प्रोटेम स्पीकर को चुनता है।

प्रोटेम स्पीकर का मुख्य काम नव निर्वाचित सांसदों/विधानसभा को शपथ ग्रहण कराना है। यह पूरा कार्यक्रम प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में होता है। प्रोटेम स्पीकर का काम फ्लोर टेस्ट भी करवाना होता है। हालांकि संविधान में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति, काम और पावर के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा गया है।

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