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'यह भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन', जानें पुलिस हिरासत से रिहाई के बाद अभिषेक बनर्जी ने क्यों कही ये बात

केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच खींचतान बढ़ गई है। मंगलवार रात केंद्रीय मंत्री से मिलने पहुंचे टीएमसी नेताओं के साथ पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि मंत्री निरंजन ज्योति ने उन्हें मिलने का समय देने के बावजूद उनसे मुलाकात नहीं की। अभिषेक बनर्जी ने ताजा विवाद पर कहा कि आज भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Wed, 04 Oct 2023 09:42 AM (IST)
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अभिषेक बनर्जी ने रिहाई के बाद कहा, यह लोकतंत्र के लिए काला दिन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच खींचतान बढ़ गई है। मंगलवार रात केंद्रीय मंत्री से मिलने पहुंचे टीएमसी नेताओं के साथ पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि मंत्री निरंजन ज्योति ने उन्हें मिलने का समय देने के बावजूद उनसे मुलाकात नहीं की।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के साथ उपजे ताजा विवाद पर कहा कि "आज भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है।" दरअसल, मंगलवार की रात बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी नेताओं ने कृषि भवन में धरना दिया। मंत्रालय के कार्यालय में धरना देने के दौरान अभिषेक बनर्जी को हिरासत में ले लिया गया, लेकिन उन्हें कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने रिहा कर दिया।

मंगलवार की घटना 'न्यू इंडिया' का उदाहरण- बनर्जी

टीएमसी नेता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मंगलवार की घटना 'न्यू इंडिया' के उदाहरण के तौर पर देखी जाएगी, क्योंकि दिल्ली पुलिस द्वारा जन प्रतिनिधियों को घसीटा गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। इसके साथ ही सरकार से सवाल करने वाले पत्रकारों पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया।

बंगाल सरकार की केंद्र से 15000 करोड़ जारी करने की मांग

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस ने 2-3 अक्टूबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। टीएमसी का कहना है कि सरकार को मनरेगा के तहत रोके गए 15000 करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल के लिए जारी करने ही होंगे। इसी के तहत कृषि भवन में मौजूद ग्रामीण विकास मंत्रालय में मामला धरने तक पहुंच गया।

अभिषेक बनर्जी ने किया दावा

महात्मा गांधी की जयंती (2 अक्टूबर) को राजघाट पर दो घंटे तक धरना देने के एक दिन बाद अभिषेक बनर्जी ने बंगाल के राज्य के मंत्रियों, पार्टी विधायकों और मनरेगा कार्यकर्ताओं सहित कार्यकर्ताओं के साथ जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन किया था। बाद में उन्होंने कृषि भवन में ग्रामीण विकास मंत्रालय तक मार्च निकाला, जहां उनकी राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मुलाकात होनी थी।

धरने पर बैठे टीएमसी नेता

हालांकि, मंत्रालय में जाने के लगभग डेढ़ घंटे बाद, टीएमसी नेताओं ने दावा किया कि राज्य मंत्री ने यह कहते हुए उनसे मिलने से इनकार कर दिया कि वह पांच से ज्यादा प्रतिनिधियों से नहीं मिलेंगी। इसपर टीएमसी नेताओं ने मंत्रालय से तब तक जाने से इनकार कर दिया जब तक कि राज्य मंत्री उनसे नहीं मिलतीं। अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी नेता वहीं धरने पर बैठ गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और मंत्रालय परिसर से बाहर निकाल दिया।

हमने 90 मिनट तक इंतजार किया- अभिषेक बनर्जी

वहीं, टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कृषि भवन के अंदर इस मामले पर कहा, "हमारा केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के साथ 6 बजे मिलने का समय तय था, हमने 90 मिनट तक इंतजार किया, जिसके बाद हमें बताया गया वे हमसे नहीं मिल सकती हैं। साध्वी निरंजन ने सुवेंदू अधिकारी से आज शाम 4 बजे मुलाकात की लेकिन हमें यहां पर इंतजार करवाया गया। वे हमसे मुलाकात नहीं करना चाहती हैं तो ठीक है कोई बात नहीं लेकिन हम भी यहां से कहीं नहीं जाएंगे, हम यहीं बैठे रहेंगे।"

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