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Tamil Nadu News: स्कूली बच्चों के लिए नाश्ता योजना का हुआ विस्तार, सीएम स्टालिन ने छात्रों को परोसा खाना

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने स्कूली बच्चों के लिए राज्य सरकार की नाश्ता योजना के विस्तार की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने स्कूली छात्रों को नाश्ता परोसा और उनके साथ बैठकर खाया भी। उन्होंने निर्वाचित प्रतिनिधियों को उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में योजना के विस्तार को शुरू करने के लिए आमंत्रित किया था।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 25 Aug 2023 09:25 AM (IST)
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सीएम स्टालिन ने की राज्य सरकार की नाश्ता योजना के विस्तार की शुरुआत
नागापट्टिनम, पीटीआई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को तिरुक्कुवलाई में स्कूली बच्चों के लिए राज्य सरकार की नाश्ता योजना के विस्तार की शुरुआत की।

सीएम ने यहां एक स्कूल में बच्चों को खाना परोसा और उनके साथ नाश्ते में भी शामिल हुए। चेन्नई में उनके बेटे और कैबिनेट मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने योजना के विस्तार की शुरुआत की।

7 जून को मिली थी विस्तार को मंजूरी

मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि तमिलनाडु के शहरी और ग्रामीण सभी 31,008 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में नाश्ता योजना का विस्तार करने के लिए 7 जून, 2023 को आदेश जारी किया गया था, जिसका उद्देश्य 15.75 लाख प्राथमिक छात्रों को लाभ पहुंचाना था।

1 से 5वीं तक के बच्चों को परोसा जाता है नाश्ता

पहले से ही, 1,545 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 तक के 1.14 लाख छात्रों को मुख्यमंत्री नाश्ता योजना के तहत नाश्ता दिया जाता है। शुरुआती चरण में मिले बेहतरीन नतीजे को देखते हुए सरकार ने विस्तार शुरू कर दिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चे बिना खाए स्कूल न आएं।

निर्वाचित प्रतिनिधियों को दिया आदेश

स्टालिन ने निर्वाचित प्रतिनिधियों को उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में योजना के विस्तार को शुरू करने के लिए आमंत्रित किया था। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में सीएम ने मुफ्त नाश्ता योजना के विस्तार की घोषणा की थी।

साल 2022 में हुई थी योजना की शुरुआत

15 सितंबर, 2022 को मदुरै में नाश्ता योजना शुरू करते हुए, स्टालिन ने दिवंगत पेरियार ईवी रामासामी, सीएन अन्नादुरई और एम करुणानिधि का हवाला देते हुए कहा था कि चाहे वह गरीबी हो या जाति, शिक्षा तक पहुंच में बाधा नहीं होनी चाहिए।