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देश के इस राज्य में महिलाओं को हर महीने मिलेंगे हजार रुपये, लॉन्च हुई योजना; जानिए इसके बारे में

तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu Govt) ने एक नई योजना का उद्घाटन किया है। राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कांचीपुरम में कलैगनार महलिर उरीमाई थिट्टम (कलैगनार महिला अधिकार अनुदान योजना) का उद्घाटन किया। इस योजना के तहत राज्य की प्रत्येक महिला लाभार्थी के अकाउंट में हर महीने एक हजार रुपये जमा किए जाएंगे। सीएम स्टालिन ने इस मौके पर कुछ महिलाओं को कार्ड भी बांटे

By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 15 Sep 2023 11:23 AM (IST)
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सीएम एमके स्टालिन ने किया कलैगनार महिला अधिकार अनुदान योजना का उद्घाटन
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राज्य की महिलाओं को एक बड़ी सौगात दी है। उन्होंने कांचीपुरम में कलैगनार महलिर उरीमाई थोगई थिट्टम (कलैगनार महिला अधिकार अनुदान योजना) का उद्घाटन किया। इस योजना के तहत सभी पात्र महिला लाभार्थियों के खाते में प्रतिमाह 1000 रुपये जमा किए जाएंगे। इस दौरान सीएम ने योजना के लाभार्थियों को एटीएम कार्ड भी बांटे।

चुनावी वादे का हिस्सा था योजना

इस योजना का शुभारंभ सत्तारूढ़ द्रमुक के प्रमुख चुनावी वादों में से एक की पूर्ति का प्रतीक है। पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक, यह योजना लोगों से पार्टी के वादों को 100 प्रतिशत पूरा करने का भी प्रतीक है।

प्रतिमाह मिलेंगे 1000 रुपये

कल्याण योजना के तहत, गरीब परिवारों की महिलाओं को 1,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। डीएमके अध्यक्ष सीएम स्टालिन ने पार्टी के आइकन और पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुराई के जन्मस्थान कांचीपुरम से इस योजना की शुरुआत की।

इस कल्याण योजना का शुभारंभ दिवंगत द्रविड़ आइकन की जयंती के दिन पर किया गया है। खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री उदयनिधि स्टालिन चेन्नई में इस योजना का शुभारंभ करेंग।

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अलग-अलग जगह हुआ कार्यक्रम

इसी कड़ी में मंत्री शेखर बाबू और मा सुब्रमण्यम समेत अन्य लोग राज्य में अलग-अलग हिस्सों में लॉन्च कार्यक्रमों की अध्यक्षता करेंगे। राज्य सरकार ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि 1,605 करोड़ महिलाएं इस प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।

एक करोड़ से अधिक महिलाओं को मिलेगा लाभ

एक बुनियादी आय कार्यक्रम का नाम पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के नाम पर रखा गया है और राज्य सरकार ने सहायता को महिलाओं का अधिकार नाम दिया है। सरकार ने योजना के तहत लाभार्थियों के रूप में 1.06 करोड़ महिलाओं (1,06,50,000) की पहचान की है और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से लाभार्थियों को 1,000 रुपये की सहायता का भुगतान किया जाता है।

नामांकित होने के लिए दिया समय

एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया , "सरकार उन पात्र महिलाओं को भी योजना में नामांकन के लिए समय देगी, जिनका नाम अब तक शामिल नहीं हुआ है। वे सूचीबद्ध होने के लिए ई-सेवा पोर्टल के माध्यम से अनुरोध कर सकते हैं। उनके अनुरोधों पर 30 दिनों के भीतर कार्रवाई की जाएगी।"

यह होनी चाहिए लाभार्थी महिलाओं की पात्रता

  • सरकार की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि 21 साल से अधिक उम्र वाली महिलाएं योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं।
  • महिला की सालाना पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
  • परिवार के पास 5 एकड़ से ज्यादा गीली भूमि और 10 एकड़ सूखी भूमि नहीं होनी चाहिए।
  • बिजली की सालाना खपत 3600 यूनिट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

कैसे होगी महिला मुखिया की पहचान?

राशन कार्ड में जिस पुरुष का नाम परिवार के मुखिया के तौर पर दर्ज किया होगा, उसकी पत्नी को योजना के लिए महिला मुखिया माना जाएगा। इसके अलावा, अविवाहित, विधवा और ट्रांसजेंडर मामले में उन्हें भी परिवार की महिला मुखिया माना जाएगा।

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