Chandrayaan-3: आज चांद के और करीब पहुंचेगा चंद्रयान-3, चंद्रमा पर इतिहास रचने जा रहा भारत
Chandrayaan-3 सभी भारतीयों की निगाहें चंद्रयान-3 पर टिकी है। इस क्रम में भारत का चंद्रयान-3 चांद की ड्योढ़ी तक पहुंच गया है। यान की कक्षा सोमवार को एक बार फिर घटाई गई। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह से यान की अधिकतम दूरी अब सिर्फ 177 किलोमीटर है। पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा तीसरी बार बदली गई है।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Wed, 16 Aug 2023 06:50 AM (IST)
बेंगलुरु, एजेंसी। भारत का चंद्रयान-3 चांद की ड्योढ़ी तक पहुंच गया है। यान की कक्षा सोमवार को एक बार फिर घटाई गई। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह से यान की अधिकतम दूरी अब सिर्फ 177 किलोमीटर है।
गोलाकार कक्षा में पहुंच चुका चंद्रयान
पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा तीसरी बार बदली गई है। इससे पहले छह और नौ अगस्त को कक्षा बदली गई थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, सोमवार को सफलतापूर्वक कक्षा घटाए जाने के बाद यान 150 किमी x 177 किमी की निकट-गोलाकार कक्षा में पहुंच चुका है।
फिर घटाई जाएगी स्पीड
कक्षा घटाने की अगली प्रक्रिया 16 अगस्त को सुबह 8:30 बजे के आसपास पूरी करने की योजना है। इस मिशन के आगे बढ़ने के साथ ही ‘चंद्रयान-3’ की कक्षा को धीरे-धीरे कम करने और इसकी स्थिति चंद्र ध्रुवों के ऊपर करने के लिए इसरो द्वारा कवायद की जा रही है। 16 अगस्त को 100 किलोमीटर की कक्षा तक पहुंचाने के लिए एक बार फिर कक्षा घटाई जाएगी।Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 चांद की अगली ऑर्बिट में आज करेगा एंट्री, जानें
23 अगस्त को यान के लैंडर-रोवर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। 14 जुलाई को रवाना हुआ यान पृथ्वी की अलग अलग कक्षाओं में चक्कर लगाने के बाद पहली अगस्त को स्लिंगशाट के बाद पृथ्वी की कक्षा छोड़कर यान चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ा था।
- किलोमीटर है चंद्रमा की सतह से इसरो के चंद्रयान की अधिकतम दूरी
- अगस्त को चंद्रमा पर होगी चंद्रयान-3 की लैंडिंग, कल फिर घटाई जाएगी कक्षा
- चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह के और निकट पहुंच गया हैl
लैंडर उतारने वाला चौथा देश होगा भारत
चंद्रमा की सतह पर लैंडर उतारने वाला चौथा देश होगा भारत अब तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर उतारे हैं। भारत ने 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के तहत लैंडर को उतारने का प्रयास किया था।
लूना-25 की स्पीड चंद्रयान-3 से ज्यादा तेज, ISRO ने क्यों नहीं लिया चांद तक पहुंचने के लिए शॉर्ट रूट; ये है वजहहालांकि आखिरी क्षणों में लैंडर से संपर्क टूट गया था और उसकी क्रैश लैंडिंग हो गई थी। इस बार लैंडिंग सफल रहने पर भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।