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Chandrayaan- 3: चंदा मामा दूर के नहीं, बस एक टूर के...चंद्रयान-3 की लैंडिंग पर पीएम मोदी बोले- बदल गईं कहावतें

पीएम मोदी ने कहा कि उत्साह उमंग आनंद और भावुकता से भरे इस अद्भुत पल के लिए मैं 140 करोड़ देशवासियों को भी कोटि-कोटि बधाई देता हूं। हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से भारत चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है। पीएम मोदी ने कहा कि चंदा मामा बस एक टूर के हैं।

By Shashank MishraEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 23 Aug 2023 06:32 PM (IST)
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पीएम मोदी ने कहा कि चंदा मामा बस एक टूर के हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चांद पर इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग (Moon South Pole Landing) हो गई है। इसरो के इस मिशन के सफल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई देते हुए खुशी जाहिर की है। इस दौरान उन्होंने अपने एक संबोधन में कहा कि इस मिशन के बाद हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। आइए जानते है पीएम मोदी ने और क्या क्या कहा.....

आकाश की सीमा नहीं: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों के प्रयास और प्रतिभा ने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा दिया है, जहां आज तक कोई नहीं पहुंच सका है। एक दिन, बच्चे कहेंगे... "बस चंदा मामा एक टूर के हैं।" मित्रों, इस खुशी के अवसर पर मैं दुनिया के सभी लोगों को, हर देश और क्षेत्र के लोगों को संबोधित करना चाहता हूं... भारत का सफल चंद्र मिशन अकेले भारत का नहीं है। यह सफलता पूरी मानवता की है।

इसरो जल्द ही आदित्य एल1 मिशन लॉन्च करने जा रहा है। भारत बार-बार साबित कर रहा है कि आकाश की सीमा नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत बार-बार ये साबित कर रहा है- sky is not the limit. साइंस और टेक्नोलॉजी देश के उज्ज्वल भविष्य के आधार हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा,

आज इतिहास रचा गया है। जब हमारे प्रिय परिजन अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है। भारत अब चांद पर है। पूरा भारत इस ऐतिहासिक पल का जश्न मना रहा है।

पीएम मोदी ने कहा,

नया इतिहास बनते ही हर भारतीय जश्न में डूब गया है, हर घर में उत्सव शुरू हो गया है। मैं टीम चंद्रयान को, इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं, जिन्होंने इस पल के लिए वर्षों तक इतना परिश्रम किया है।