Indian Heinous Crime: देश के वो 9 पते जहां हुई थी दिल दहलाने वाली हत्याएं, अब कैसा है उन घरों का हाल?
Indian Heinous Crime इन 9 घरों में ऐसे अपराध हुए हैं जिसने देश को हिला कर रख दिया। कोई बुराड़ी के घर को डरावना कहता है तो कोई आफताब पूनावाला के फ्लैट में जाने से भी डर रहा है। सवाल है कि क्या आप ऐसे घर में रहना चाहेंगे?
By Nidhi AvinashEdited By: Updated: Wed, 14 Dec 2022 04:25 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Indian Heinous Crime: घर, आवास, निवास, आशियाना या फिर हाउस, नाम चाहे जो भी हो पर हर इंसान को इसकी चाहत होती है। चाहे कच्चा हो या फिर पक्का, एक मंजिला हो या फिर बहुमंजिला, हर कोई अपने घर को बड़ी शिद्दत और मोहब्बत के साथ बनाता है। घर और पता, इससे लोगों की यादें भी जुड़ी होती हैं। लेकिन हमारे देश में कुछ घर और पते ऐसे भी हैं, जिनके साथ अच्छी यादें या घटनाएं नहीं जुड़ी हैं। इन पतों के साथ दर्ज है दर्दनाक हादसा या फिर कोई ऐसी घटना, जिससे यहां रहने वाले और आसपास के लोगों की जिंदगी भी प्रभावित हुई है।
देश के टॉप 9 वारदात
दिल्ली का बुराड़ी कांड और श्रद्धा मर्डर केस, मुंबई का नीरज ग्रोवर मर्डर केस, सुशांत सिंह राजपूत केस, रविशंकर आलोक केस और परवीन बॉबी केस, नोएडा का आरुषि तलवार मामला और निठारी कांड केस और कोलकाता का पार्थ डे केस, ये सभी केस देश को हिला देने वाले मामलों में से थे। देश के अलग-अलग शहरों में हुए इन 9 भयावह मामलों को कोई न चाहते हुए भी भुला नहीं सकता। किसी ने घर में सामूहिक आत्महत्या की, किसी की हत्या कर घर में ही लाश के सैकड़ों टुकड़े किए, किसी ने अपने ही घर में आत्महत्या की तो किसी ने अपने घर में ही मौत की कहानी लिख दी, किसी ने घर में ही लाश के साथ महीनों बीता दिए तो किसी के घर से मासूम बच्चों के कंकाल मिले।
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क्या है अब इन 9 घरों का हाल?
भले ही इन घर के मालिक और रहने वालों का नामोनिशान खत्म हो गया हो, लेकिन ये सभी घर मीडिया में हमेशा सुर्खियों में बने रहे। इन सभी घरों की दीवार देश के भयावह हत्या/आत्महत्या की चश्मदीद गवाह रही है, आज इनमें से कई घरों को एक नया परिवार मिल गया है तो इनमें से ऐसे घर आज भी इंसानों की बाट जोह रहे हैं। कोई बुराड़ी के घर को डरावना कहता है तो कोई आफताब पूनावाला के फ्लैट में जाने से भी डर रहा है।
सवाल है कि क्या आप ऐसे घर में रहना चाहेंगे? आज हम आपको सबसे खराब इतिहास वाली इन 9 संपत्तियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां अब लोग फिर से रहने लगे है और इनमें से कई घर अब भी सुनसान पड़े हुए है। हत्या या आत्महत्या के बाद इन घरों का क्या हुआ, क्या किसी ने इन घरों को खरीदा या क्या अब भी इन घरों का इतिहास जानकर लोग इन घरों को खरीदने से कतराते है? तो आइये डालते है नजर इन 9 घरों पर:
बुराड़ी कांड
Burari Case
बुराड़ी के संतनगर की गली नंबर 2 का मकान नंबर-137 में कौन रहता है, जहां एक ही परिवार के 11 सदस्यों ने आत्महत्या कर ली थी? आप भी ये सवाल अक्सर करते होंगे कि जिस घर में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत हुई हो, उस घर में तो कोई दोबारा कदम भी नहीं रख सकता। भारत जैसे देश में लोग आस्था में बहुत ज्यादा विश्वास करते हैं, वहीं ऐसे भी लोग हैं, जो अंधविश्वास पर भरोसा करते हैं। इस चक्कर में लोग न चाहते हुए भी भूत और प्रेत जैसी चीजो को मानने लगते हैं। ऐसा ही कुछ बुराड़ी के उस घर का हाल है, जहां 11 लोगों ने एक साथ आत्महत्या कर ली थी। आज भी वहां रह रहे लोग उस घर में कदम रखने से डरते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इस घर के परिवार वालों की आत्मा भटकती है। अंधेरा होने के बाद पड़ोसी उस घर तो क्या गली तक से दूर रहते हैं।
बुराड़ी के इस घर में रह रहा परिवार
दिल्ली में एक अच्छी क्वालिटी की पैथ लैब स्थापित करना मोहन सिंह कश्यप का सपना था। वर्ष 2014 में संत नगर में उन्होंने अपना सपना पूरा भी किया, लेकिन ठीक 5 साल बाद इसे खाली कर दिया गया। तीन मंजिला बंगला, जो आज 'बुरारी हॉरर हाउस' के नाम से जाना जाता है, आज देश में सबसे भयावह मौतों वाले स्थान में से एक माना जाता है। चुंडावत परिवार के 11 सदस्यों ने 30 जून, 2018 की रात को खुद को मार डाला था। 1 जुलाई 2018 को सभी 11 सदस्यों का शव मिला था। इस सामूहिक आत्महत्या की खबर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस सामूहिक आत्महत्या के 5 साल पूरे हो गए है, लेकिन अब सवाल है कि अब इस घर में रहता कौन है? इस घर को दोबारा से एक परिवार मिल गया है। इस घर में किराए पर पति, पत्नी और दो बेटियां रहती है। ये परिवार तीन साल से मकान नंबर 137 में रह रहे हैं। कश्यप जो अपने परिवार के साथ इस घर में रह रहे है, ने कहा कि लोग इस घर के आस-पास भी भटकना नहीं चाहते हैं, लेकिन इसका मुझ पर कोई असर नहीं पड़ा। मैं अंधविश्वासों में विश्वास नहीं करता। ये जगह मेरे बजट के लिए बिल्कुल अनुकूल थी, इसलिए मैंने इसे ले लिया। जिसे बनाया आर्मी चीफ, उसी ने फांसी के फंदे तक पहुंचाया, भरी सभा में जिया को जनरल बंदर क्यों कहते थे भुट्टोनीरज ग्रोवर हत्याकांड
Neeraj Grover murder case
7 मई, 2008 को नीरज ग्रोवर की हत्या कर उसके सैकड़ों टुकड़े किए गए, फिर शव के टुकड़ों को जंगल जलाया गया। इस हत्याकांड ने पूरे देश को सन्न करके रख दिया था। इस हाई प्रोफाइल मामले में फोरेंसिक टीम ने कड़ी मेहनत की, तब जाकर ये मामला सुलझा था। मुंबई के टीवी प्रोडक्शन हाउस से जुड़े नीरज ग्रोवर की बेहद ही निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी, फिर उनका शव सैकड़ों टुकड़ों में जंगल में लाकर जला दिया गया था। यह कत्ल प्रेम त्रिकोण का नतीजा था, जिसमें तीन लोग शामिल थे। एक खुद नीरज ग्रोवर, दूसरी कन्नड़ अभिनेत्री मारिया सुसाइराज और तीसरा मरिया का प्रेमी और नेवी अफसर मैथ्यू। pic credit: flickrजिस घर में नीरज के किए गए सैकड़ों टुकड़े, अब उसमें कौन रहता है?
मुंबई के धीरज सॉलिटेयर में दूसरी मंजिल का अपार्टमेंट जिसे कोई भी फिर से किराए पर नहीं लेना चाहता था। नीरज की हत्या के तीन साल बाद जाकर इसका एक खरीदार मिला। धीरज सॉलिटेयर के सचिव नवीन सैनी ने बताया, यह एक बॉलीवुड फिल्म जैसा हाई-प्रोफाइल मामला था, इसलिए जाहिर है कि ये केस लोगों के दिमाग से बहुत जल्दी मिटने वाला नहीं था। हालांकि, अब इस अपार्टमेंट में एक महाराष्ट्रीयन परिवार रहता है, जिसे वर्ष 2013 में इस घर को बेच दिया गया था। बता दें कि ये परिवार मुंबई जैसे शहर में भारी छूट के साथ ये अपार्टमेंट पाकर बहुत खुश है। इस घर को खरीदने के बाद महाराष्ट्रीयन परिवार ने एक हवन कराया, गंगाजल से पूरे घर को पवित्र किया और पूरे अपार्टमेंट को फिर से पेंट कराया। ये परिवार अब भी इस घर में रहता है।सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस
Sushant Singh Rajput Death Case
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी उनके फैंस के दिलों में बसी हुई हैं। 14 जून, 2020 को सुंशात सिंह राजपूत का निधन हुआ था। पूरी दुनिया जब कोरोना महामारी से जूझ रहा था, तब सुशांत के निधन से उनके चाहने वालों को बड़ा झटका लगा था। एक्टर का शव मुंबई के बांद्रा वेस्ट में स्थित एक फ्लैट से बरामद किया गया था। इसी फ्लैट में उन्होंने तथाकथित तौर पर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। गौरतलब है कि सुशांत के करोड़ों चाहने वाले सिने-प्रेमियों को उनकी आत्महत्या को लेकर संदेह है। Basawon Singh: बिहार का वो मजदूर नेता जिनका 57 दिनों का अनशन तुड़वाने के लिए मां को बुलाया गया था जेल मेंसुशांत के निधन के 2.5 साल बाद भी खाली पड़ा फ्लैट
सुशांत जिस फ्लैट में किराए पर रहते थे, वो आज भी खाली पड़ा हुआ है। इस फ्लैट के लिए कोई भी किरायेदार नहीं मिल रहा है। लोग इस फ्लैट में जाने से डरते हैं। इसमें रहने के लिए कोई भी राजी नहीं है। अब इस फ्लैट के ब्रोकर ने एक वीडियो ट्वीट किया है और बताया है कि ये 5 लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से किराए के लिए उपलब्ध है।कार्टर रोड पर स्थित आलीशान छठी मंजिल का अपार्टमेंट बेहद ही खूबसूरत है और इस घर से समुद्र भी दिखाई देता है, लेकिन इन सब के बावजूद इस घर की बिक्री होने में कठिनाई आ रही है। बता दें कि अपार्टमेंट को एक साल से अधिक समय के लिए पट्टे पर रखा गया है, लेकिन अभी तक कोई इसे खरीदने या किराए पर लेने वाला नहीं मिला है। एक ब्रोकर का कहना है, "यह इस क्षेत्र में उपलब्ध एकमात्र ऐसा अपार्टमेंट है, कुछ खरीदार इस घर को देखने भी आते हैं, लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि यह वही जगह है जहां सुशांत की मौत हुई थी, सुनने के बाद पीछे हट जाते है।'रविशंकर आलोक और परवीन बॉबी केस
Ravi Shankar Alok and Parveen Babi Case
बॉलीवुड फिल्म राइटर रविशंकर आलोक ने वर्ष 2018 में मुंबई में एक बिल्डिंग से कूदकर जान दे दी थी। वह नाना पाटेकर अभिनीत फिल्म अब तक छप्पन के असिस्टेंट डायरेक्टर थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविशंकर आलोक मुंबई के अंधेरी अपार्टमेंट के किराए के घर में रहते थे। काम न मिलने के कारण वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे, जिसके कारण वे डिप्रेशन में आ गए थे। इन्हीं कारणों से उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। रवि शंकर की मौत के एक साल बाद ही घर को फिर से एक किराएदार मिल गया।Ravi Shankar Alok flat where he did suicideमुंबई के एक ब्रोकर रफीक मर्चेंट ने इस घर को बेचा और घर में कुछ नए बदलाव भी किए। घर को दोबारा पेंट किया और नए फर्श भी लगा दिए, जिससे इस घर को किराए पर लगाने में मदद मिली। मर्चंट ने कहा कि इस घर को बेचना काफी कठिन था और लगभग एक साल लग गए इस घर को बेचने में।परवीन बॉबी का घर 17 साल से पड़ा हुआ है वीराना
जूहु में परवीन बॉबी के Sea Facing अपार्टमेंट का भी कोई खरीददार नहीं मिला है। इस बात से हर कोई अवगत होगा कि परवीन बॉबी का शव इसी अपार्टमेंट में मौत के 4 दिन बाद मिला था। 17 साल से वीराना पड़ा परवीन का अपार्टमेंट कोई खरीदने को राजी नहीं है। जो भी लोग घर आते हैं, वे घर की हालत देखकर डर जाते हैं। 20 जनवरी, 2005 को परवीन बॉबी की मौत हुई थी। जुहू इलाके में रिवेरा बिल्डिंग की सातवीं मंजिल पर परवीन रहती थी। ये एक टैरेस फ्लैट है, जो बेहद फेमस जुहू बीच पर स्थित है। लोकेशन परफेक्ट होने के बावजूद न ही इस घर को कोई खरीद रहा है और न ही इसे कोई किराए पर लेना चाहता है।14 साल के वनवास में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण इन 17 जगहों पर ठहरे थे, केंद्र सरकार जल्द बनाएगी कॉरिडोरआरुषि तलवार केस
2008 Noida double murder case
नोएडा के जलवायु विहार के सेक्टर-25 के अपार्टमेंट में 15 मई 2008 को आरुषि तलवार का शव मिला था। ये नोएडा का सबसे चर्चित और हाइप्रोफाइल डबल मर्डर केस था। 2008 में हुए सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड के सात साल बाद, आरुषि तलवार के घर को नया किराएदार मिला।इस घर में अब एक फैशन डिजाइनर रहती है। फैशन डिजाइनर के मुताबिक, शुरूआत में इस अपार्टमेंट में काम करने के लिए नौकरानियां और सफाईकर्मी मना करती थी। बच्चे दरवाजे की घंटी बजाकर भाग जाते थे। इन सबके बावजूद वो तलवार के घर को अच्छा बताती है।पार्थ डे केस और निठारी कांड
Noida Nithari Case and kolkata partha de case
कोलकाता के रॉबिन्सन स्ट्रीट पर अपनी बहन और दो कुत्तों के शव के साथ रहता था पार्थ डे। पॉश पार्क स्ट्रीट के तीन नंबर रॉबिन्सन स्ट्रीट पर स्थित एक अपार्टमेंट में पार्थ रहता था। घटना वर्ष 2015 की है, जिसे सुनकर हर किसी की रुह कांप गई थी। पार्थ इस फ्लैट में अपनी बडी बहन व दो पालतू कुत्तों के कंकाल के साथ छह माह से रह रहा था। बता दें कि इस फ्लैट में कोलकाता पुलिस को पार्थ के पिता 77 वर्षीय अरबिंदो डे का जला हुआ शव मिला था। पुलिस को अपने फ्लैट पर देख पार्थ घबरा गया था और उसने ये बात कबूली कि वो वो इस घर में अपनी बहन और दो कुत्तों के कंकाल के साथ रह रहा है। पार्थो ने फ्लैट के दरवाजों व खिड़कियों को मोटे कपड़ों से पैक कर रखा था, ताकि सड़े शवों की बदबू बाहर न फैल सके।kolkata partha de caseइस भयानक घटना के बाद कौन रह रहा इस घर में?
इस घर की देखभाल के लिए संजय जायसवाल को नियुक्त किया गया था। घर का इतिहास जानने के बाद संजय ने कहा, 'मुझे भूतों से डर क्यों लगेगा? केवल घरेलू सहायिका अफवाहों के कारण डर जाती थी। मुझे इस घर में रहने में कोई समस्या नहीं थी। लेकिन जब तक मैं इस घर में रहा, मेरे दोस्त रात को मुझसे मिलने नहीं आते थे। बता दें कि वर्ष 2017 में संजय ने इस घर को छोड़ दिया था।वर्तमान में इस घर को 16 मंजिला लग्जरी आवासीय परिसर बनाने का प्लान किया जा रहा है। वहीं, दूसरी और नोएडा का निठारी कांड को कैसे भुलाया जा सकता है। निठारी हत्याकांड को करीब 16 साल बीत चुके हैं। निठारी स्थित कोठी नंबर डी-5 में नर कंकाल मिलने का मामला पूरे देश में चर्चा में आ गया था। इस कोठी में बच्चों समेत अन्य लोगों के नर कंकाल मिले थे। जिसके बाद कोठी मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया गया था।Noida Nithari Case2006 से बंद पड़ा है घर
नोएडा की ये कोठी वर्ष 2006 से बंद पड़ी हुई है। ये कोठी अब चोरों का ठिकाना बना हुआ है। चोर बंगले के पंखे, एसी और यहां तक की बाथटब चोरी करके ले गए है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि बंगले के पास कहीं भी जाने की किसी भी हिम्मत नहीं होती है। उन्हें डर है यह घर भूतहा हो गया है। पंढेर के बेटे करणदीप सिंह का कहना है कि उन्होंने बंगले को 'डी-सील' करने के लिए जिला अदालत में एक आवेदन दिया, हालांकि वह यह तय नहीं कर सके कि 'इसका उपयोग करें या बेचें'।श्रद्धा मर्डर केस/ आफताब पूनावाला केस
Shraddha Murder Case
दिल्ली के छतरपुर का मकान 93/1, जो हाल के दिनों में सबसे जघन्य अपराधों में से एक बना हुआ है। ये वही मकान है, जहां आफताब पूनावाला ने किराए पर लेने के कुछ दिनों के भीतर ही अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या कर उसके टुकड़े कर दिए थे। ये अपराध कुछ ऐसा है, जिसे कोई नहीं भुला सकता। 18 मई 2022 को आफताब ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या की थी।श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े कर आरोपी ने शव के टुकड़ों को दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक एक बड़े फ्रिज में रखा और बाद में उन्हें कई दिनों तक विभिन्न हिस्सों में फेंकता रहा। अब सवाल है कि जिस घर में किराए में आफताब रहता था और जहां श्रद्धा की हत्या हुई, क्या कोई दोबारा उस घर में जाने की सोचेगा?