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India's Investigating Agencies: भारत की वो आठ जांच एजेंसियां, जो देश की सुरक्षा में निभाती हैं अहम भूमिका

Top Agencies Of India भारत की सुरक्षा और शांति के लिए कई जांच और खुफिया एजेंसियां बनाई गई हैं। इन सभी का मुख्य कार्य देश की शांति और सुरक्षा को भंग करने वालों की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई करना है।

By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Tue, 06 Jun 2023 04:40 PM (IST)
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भारत की टॉप जांच एजेंसियां हमेशा भारत में रहती हैं सक्रिय
नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। Top Agencies Of India। किसी भी देश में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए जांच एजेंसियों की जरूरत पड़ती है। दूसरे देशों की तरह भारत में ऐसी कई सुरक्षा एजेंसियां हैं, जिनका नाम विश्व की टॉप सुरक्षा एजेंसी में आता है। सीमा पर तैनात जवानों के साथ ही देश के अंदर ऐसी कई एजेंसियां हैं, जिन्होंने देश को बड़े-बड़े खतरों से बचाया है।

इस खबर में हम आपको भारत की कुछ टॉप सुरक्षा एजेंसियों के बारे में बताएंगे। इनमें से अधिकतर एजेंसियों का नाम दुनिया की टॉप सुरक्षा एजेंसियों की लिस्ट में शुमार है।

अनुसंधान और विश्लेषण विंग (RAW)

अनुसंधान और विश्लेषण विंग यानी रॉ गुप्त तरीके से देश के दुश्मनों का सफाया करती है। इसका गठन 1968 में किया गया था, जिसका नाम उस समय फॉरेन इंटेलिजेंस था। इसको दुनिया की सबसे बेहतरीन सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों में गिना जाता है।

यह सिर्फ देश के अंदर नहीं, बल्कि देश के बाहर भी दुश्मनों पर नजर रखता है। दरअसल, रॉ के लिए काम करने वाले एजेंट अपनी जान की परवाह किए बिना खतरनाक मिशन पर जाते हैं और कई बार रॉ के एजेंट अपने घरवालों को भी इस बात की जानकारी नहीं देते हैं कि वो इस एजेंसी का हिस्सा है।

इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB)

इंटेलिजेंस ब्यूरो का गठन साल 1887 में सरकार के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर से हुआ था। इसके बाद साल 1947 में इसका पुनर्गठन किया गया। आईबी देश की सबसे पुरानी खुफिया एजेंसी है, जो गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है। आईबी देश में आंतरिक मामलों पर खुफिया ऑपरेशनों के जरिए नजर रखती है।

इतना ही नहीं, यह एजेंसी विदेश नीति बनाने में भी भारत सरकार की मदद करती है। आईबी देश की इंटेलिजेंस डिटेल्स को इकट्ठा करती है।आपको बता दें, 1950 के दशक से लेकर सोवियत रूस के विघटन तक इसके सदस्यों को रूस की सरकारी सुरक्षा एजेंसी केजीबी द्वारा ट्रेनिंग दी जाती रही है।

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA)

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) का गठन 31 दिसंबर, 2008 के मुंबई हमलों के बाद हुआ। इस एजेंसी का मुख्य काम आतंकवाद से संबंधित मामलों को हैंडल करना है। आतंकवादी हमलों, आतंकवाद को धन उपलब्ध कराने और इससे जुड़े सभी मामलों की बारीकी से जांच करने के लिए इस एजेंसी का गठन किया गया था।

नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (NTRO)

नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन का गठन साल 2004 में किया गया था। इसका मुख्य काम है कि यह दूसरे देशों से खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए समन्वय करती है और फिर देश को सभी जरूरी जानकारी मुहैया कराना है। 2014 में इस एजेंसी की ओर से आईसीजी को दी गई खुफिया जानकारी के जरिए एक बहुत बड़े ऑपरेशन को अंजाम देते हुए, पाकिस्तानी जहाज को उड़ा दिया गया था।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB)

एनसीबी का गठन साल 1986 में हुआ था। एनसीबी का काम अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े मामलों से निपटना है। भारत में मादक पदार्थों की तस्करी और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए यह एजेंसी बीएसएफ पंजाब बॉर्डर के साथ समन्वय कर कई बड़े ऑपरेशन को चलाती है।

डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA)

डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी का गठन साल 2002 में किया गया था। यह देश-विदेश में डिफेंस से जुड़ी खुफिया जानकारी इकट्ठा करती है और देश के डिफेंस सिस्टम को सतर्क करती है। डायरेक्टोरेट ऑफ सिग्नल्स इंटेलिजेंस, डिफेंस इमेज प्रोसेसिंग ऐंड एनालिसिस सेंटर और डिफेंस इन्फॉर्मेशन वारफेयर इस एजेंसी के अंतर्गत काम करती है।

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI)

केन्द्रीय जांच ब्यूरो का गठन 1 अप्रैल, 1963 को किया गया था। यह भारत की महत्वपूर्ण केंद्रीय जांच एजेंसियों में से एक है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों के साथ ही यह एजेंसी कई जटिल और अति आवश्यक मामलों की भी जांच करती है। कई अलग-अलग विभाग के जरिए इसके सदस्यों को ट्रेनिंग दी जाती है।

प्रवर्तन निदेशालय (ED)

प्रवर्तन निदेशालय का गठन 1 मई, 1956 को किया गया था। यह भारत में आर्थिक अपराधों के खिलाफ कार्रवाई करती है और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में गहन जांच में अहम भूमिका निभाती है। इसके साथ ही, यह देश में आर्थिक कानूनों को लागू कराने का भी काम करती है।