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    कौन हैं अमेरिका में भारत का पक्ष रखने वाले दयान कृष्णन? तहव्वुर राणा के खिलाफ मुकदमे का करेंगे नेतृत्व

    By Agency Edited By: Chandan Kumar
    Updated: Thu, 10 Apr 2025 11:56 PM (IST)

    तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण मामले में एनआईए की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और नरेंद्र मान अदालत में अभियोजन का नेतृत्व करेंगे। दयान कृष्णन 2012 के निर्भया केस और कई हाई प्रोफाइल मामलों में पैरवी कर चुके हैं। नरेंद्र मान पूर्व में सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक रह चुके हैं और अनेक घोटालों में सरकार का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

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    तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण केस में दयान कृष्णन और नरेंद्र मान संभालेंगे एनआईए की कानूनी कमान। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अदालत में भारत की ओर से दलीलें रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन एनआइए की ओर से अदालतों में अभियोजन का नेतृत्व करेंगे। जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सहायता के लिए आपराधिक मामलों के अनुभवी वकील नरेन्द्र मान को विशेष अभियोजक नियुक्त किया है। आइए उनके बारे में जानते हैं:

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    दयान कृष्णन

    • बेंगलुरु स्थित एनएलएसआइयू से 1993 में स्नातक किया और वरिष्ठ अधिवक्ता व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज संतोष हेगड़े के साथ काम किया। 1999 में अपनी प्रैक्टिस शुरू की। कई हाई-प्रोफाइल मामलों जैसे 2001 के संसद हमले, कावेरी नदी जल विवाद, दूरसंचार मामलों आदि पर काम किया है।
    • दिसंबर, 2012 के दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में विशेष लोक अभियोजक थे। अतीत में भी कई हाई प्रोफाइल मामलों में केंद्र, एनआइए, सीबीआइ, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व किया है।
    • 2011 में ब्रिटेन से रवि शंकरन के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया था।

    नरेन्द्र मान

    • 1990 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया। सीबीआइ का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और कई महत्वपूर्ण मामलों में पेश हुए हैं, जिनमें आनंद मार्गिस द्वारा पूर्व सीजेआइ एएन रे पर जानलेवा हमला भी शामिल है।
    • जनवरी, 2011 से अप्रैल, 2019 तक दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआइ के लिए विशेष लोक अभियोजक थे। सीबीआइ के वकील के रूप में आपराधिक अपील, रिट याचिका, आपराधिक पुनरीक्षण याचिका, निरस्तीकरण याचिका और आपराधिक विविध मामलों को संभाला।
    • मेडिकल काउंसिल घोटाला, एआइसीटीई घोटाला, सीडब्ल्यूजी मामले, सीजीएचएस सोसायटी घोटाला और एफसीआरए के तहत मामलों, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और बैं¨कग धोखाधड़ी के मामलों में भी सीबीआई का प्रतिनिधित्व किया। जैन-डायरी हवाला मामला, झामुमो सांसदों का मामला, बोफोर्स मामला और सहकारी समिति मामलों सहित कई मामलों में भी पेश हुए।

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