Year Enders 2018: इस साल भारत में सुर्खियों में बनी रहीं ये 10 Fake News, आप भी डालें एक नजर
वर्ष 2018 फेक न्यूज़ की दृष्टि से काफी निंदनीय रहा। फेक न्यूज़ ऐसी महामारी बन चूका है जिससे कोई भी अछूता नहीं है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 30 Dec 2018 02:23 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। वर्ष 2018 फेक न्यूज़ की दृष्टि से काफी निंदनीय रहा। फेक न्यूज़ ऐसी महामारी बन चूका है जिससे कोई भी अछूता नहीं है। हम सबके सोशल मीडिया फीड्स भी ऐसी फेक ख़बरों से भरे पड़े हैं। कई बार ऐसा होता है कि किसी न किसी तरह हम सब फर्जी ख़बरों के झांसे में आ ही जाते हैं। आइए, आपको बताते हैं वर्ष 2018 की ऐसी ही 10 सबसे बड़ी फेक न्यूज़।
1) पीएम मोदी ने बच्ची से नहीं कहा, ‘राहुल गांधी पप्पू है’सोशल मीडिया में एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ । इसमें दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बच्ची को गोद में लेकर उसे राहुल गांधी पप्पू है, बोलने को कह रहे हैं। वीडियो की सच्चाई जानना हमारे लिए जरूरी था। हमारी जांच में पाया गया है कि इस वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके गलत संदर्भ में प्रचारित किया जा रहा है। राहुल गांधी पप्पू है, आवाज को अलग से वीडियो में जोड़ी गई है।
2) राहुल गांधी के इस बयान ‘सूरज इस साइड से नहीं, उस साइड से उठा दूंगा’ से हुई है छेड़छाड़
चुनाव का दौर चल रहा है और ऐसे समय में सोशल मीडिया पर कई अफवाहें भी शेयर की जा रही हैं। ऐसी ही एक खबर का वीडियो वायरल हुआ जिसमें राहुल गांधी को यह बोलते सुना जा सकता है - "सूरज इस साइड से नहीं, उस साइड से उठा दूंगा"। हमारी जांच में पाया गया है कि इस वीडियो की क्लिप को काटकर गलत संदर्भ में प्रचारित किया जा रहा है।
3 ) विधानसभा चुनाव खत्म होते ही राहुल गांधी के दरगाह जाने का दावा गलत
सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ । इसमें दावा किया गया कि चुनाव खत्म होते ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्लाम की चरण में पहुंच गए हैं। वीडियो में राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी दिख रहे हैं। पड़ताल में पता चला कि वीडियो दो साल पुराना है। इसे गलत मैसेज के साथ अब वायरल किया जा रहा है।4 )कविता कृष्णन ने किसान आंदोलन का बता कर शेयर की गलत तस्वीर
दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर अक्टूबर 2 को हुए किसानों के विरोध-प्रदर्शन से जुड़ी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की गयीं। इस तस्वीर में एक बुजुर्ग शख्स को एक हाथ में ईंट और दूसरे हाथ में लाठी लिए सुरक्षाकर्मी के सामने खड़े देखा जा सकता है। सुरक्षाकर्मी बुजुर्ग की ओर अपनी पिस्तौल का मुंह कर रखा है।इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करने वालों में CPI(ML) पोलित ब्यूरो की सदस्य और एक्टिविस्ट कविता कृष्णन भी शामिल हैं। असल में ये वायरल तस्वीर अक्टूबर 2 की 2018 ना हो कर 2013 की थी। इसका किसानों के प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं था। ये तस्वीर मेरठ में एक महापंचायत के दौरान ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुए टकराव के दौरान खींची गई थी।
5)भारतीय वायुसेना का बता कर शेयर किया गया US एयरफोर्स के विमान का वीडियोभारतीय वायुसेना के दिवाली उत्सव का बताकर दिवाली के दौरान एक वीडियो शेयर किया गया। वीडियो में एक विमान आतिशबाजी करता नजर आ रहा है। वीडियो के साथ लिखे कैप्शन में बताया गया है कि यह वीडियो दिवाली, 2018 का है और करतब दिखाता यह विमान भारतीय वायुसेना का है। वीडियो देखने में बेहद रोचक है और इस वीडियो को हज़ारों बार शेयर किया गया है। इस वीडियो को जब चेक किया गया तो ये वीडियो फेक निकला है।
6)स्टैचू ऑफ़ यूनिटी को लेकर आयीं कई खबरें निकलीं फेकसोशल मीडिया पर 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' की एक ऐसी तस्वीर वायरल की गयी , जिसमें एक गरीब औरत अपने दो बच्चों को जमीन पर बिठाकर खाना खिला रही हैं। पीछे बैकग्राउंड में 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' दिख रहा है। इस तस्वीर को तेजी से वायरल किया जा रहा है। अब्दुल एच खान नाम का एक फेसबुक यूजर इस फोटो को शेयर करते हुए लिखता है- यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की फोटो है। हमने पड़ताल की तो हमें पता लगा कि ये फोटो फेक है।
एक और वायरल पोस्ट में कहा गया कि स्टैचू ऑफ़ यूनिटी में दरारें आ गयी हैं। ये खबर भी हमारी पड़ताल में फेक निकली।7) AAP ने दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज का बता कर पोस्ट की नीदरलैंड के इरास्मस ब्रिज की तस्वीर
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में यमुना नदी पर निर्मित सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन से एक दिन पहले सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने तीन तस्वीरों को ट्वीट करके विवाद का आह्वान किया था। तस्वीर को सिग्नेचर ब्रिज का बताया गया , लेकिन हमने पड़ताल में पाया कि आम आदमी पार्टी द्वारा शेयर की गयी तस्वीर दिल्ली की नहीं, बल्कि नीदरलैंड के इरास्मस ब्रिज की है।8 ) पाकिस्तानी मंत्री ने नवजोत सिंह सिद्धू के पैरोडी खाते से किए गए ट्वीट को किया रिट्वीट
नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान दौरे को लेकर उनका एक ट्वीट वायरल हुआ। सिद्धू के नाम से बने एक खाते से किये गए इस ट्वीट में 'सिद्धू' ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल बाजवा को करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए धन्यवाद दिया है और यह भी कहा कि पाकिस्तान उनका दूसरा घर है। असल में यह खाता सिद्धू का नहीं, बल्कि एक पैरोडी अकाउंट था। पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री ने भी इस नकली अकाउंट द्वारा किये गए ट्वीट को रिट्वीट किया।9) भारतीय सेना को बदनाम करने का पाकिस्तानी प्रयास हुआ बेनकाबफेसबुक पर कई पाकिस्तानी निवासियों द्वारा कश्मीर का एक वीडियो शेयर किया गया। इस वीडियो में एक कश्मीरी गांव में लगी आग देखी जा सकती हैं। वीडियो के साथ लगे कैप्शन में बताया गया है कि ये आग भारतीय सेना द्वारा बांदीपोरा में लगाई गई है। वीडियो की पृष्ठभूमि में लोगों के शोर को सुना जा सकता है। विश्वास ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दावा झूठा है। आग भारतीय सेना द्वारा नहीं लगाई गई है, बल्कि एक एक्सीडेंट में लगी आग थी।10) डसॉल्ट सीईओ के नाम से वायरल हो रहा बयान निकला नकलीराफेल विमान पर मोदी सरकार और राहुल गांधी के बीच जंग जारी है। इसी दौर में कई तरह के बयान वॉट्सऐप से फॉरवर्ड किए गए। हाल ही में एक फोटो वायरल हो रहा है जहाँ डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर के फोटो के साथ कैप्शन दिया गया जिसमें ये बताया गया , "कांग्रेस ने हमसे राफेल डील में 50 % कमीशन की मांग की थी, हमने मना कर दिया तो उन्होंने डील फाइनल नहीं की।" विश्वास टीम की जांच में ये बयान गलत साबित हुआ है। डसॉल्ट के सीईओ ने कभी ऐसा बयान नहीं दिया।