Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Maharashtra News: माथेरान पहाड़ियों की सैर कराने वाली ट्वाय ट्रेन बाल-बाल बची

असामाजिक तत्वों ने डाउन ट्रैक पर दोनों पटरियों के बीच लोहे की राड रखी हुई थीं। गनीमत रही कि लोको पायलट दिनेश चंद मीणा की नजर उन पर पड़ गई और उन्होंने आपातकालीन ब्रेक लगा ट्रेन को उससे पहले ही रोक लिया।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 01 Nov 2022 09:23 PM (IST)
Hero Image
आपातकालीन ब्रेक लगा ट्रेन को उससे पहले ही रोक लिया।

मिड-डे, मुंबई। मुंबई से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित मशहूर माथेरान पहाड़ियों की सैर कराने वाली नरेल से माथेरान के बीच चलने वाली ट्वाय ट्रेन हादसे का शिकार होते-होते बच गई। असामाजिक तत्वों ने डाउन ट्रैक पर दोनों पटरियों के बीच लोहे की राड रखी हुई थीं। गनीमत रही कि लोको पायलट दिनेश चंद मीणा की नजर उन पर पड़ गई और उन्होंने आपातकालीन ब्रेक लगा ट्रेन को उससे पहले ही रोक लिया।

सुरक्षा के लिहाज से ट्रैक का निरीक्षण किया गया

मीणा ने बताया कि वाकया रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे हुआ। ट्वाय ट्रेन डाउन ट्रैक पर 1/20 की ढाल पर करीब 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। हमने ट्रैक पर राड देखकर समय पर ट्रेन को रोक लिया। उसके बाद सहायक लोको पायलट पी सुधांशु और ट्रेन गार्ड के साथ मिलकर लाइन से राडों को हटाया। यही नहीं, ट्रेन को आगे बढ़ाने से पहले सुरक्षा के लिहाज से ट्रैक का निरीक्षण किया। इस बीच रेलवे मामले की आगे की जांच में जुटा है।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने कहा चालक ने किया बेहतरीन कार्य

मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने कहा कि चालक का कार्य निश्चित रूप से सराहनीय है। उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। ट्वाय ट्रेन का सैलानियों में कितना क्रेज है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 22 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक कुल 3,698 लोगों ने इसमें यात्रा की।

इसमें से विस्टाडोम में 229, प्रथम श्रेणी में 378 और दूसरे दर्जे में 3091 लोगों ने यात्रा की। इस दौरान रेलवे को कुल 4,84,141 रुपये की आमदनी हुई। विस्टाडोम से रेलवे को कुल करीब डेढ़ लाख रुपये की आय हुई। यह इससे कुल आय का करीब 31 प्रतिशत है।

तीन साल बाद 22 अक्टूबर से चलनी शुरू हुई थी ट्वाय ट्रेन माथेरान हिल स्टेशन जाने वाले सैलानियों के बीच यह ट्वाय ट्रेन काफी पापुलर है। नरेल से माथेरान के बीच ये ट्रेन करीब सौ साल से चल रही है। भारी बारिश के चलते 2019 में ये ट्रैक बह गया था।

मध्य रेलवे ने तब से युद्ध स्तर पर ट्रैक का पुर्ननिर्माण और ट्रेन सेवा बहाली का प्रयास किया। लभगभ तीन साल बाद बीते 22 अक्टूबर को यह ट्रेन फिर से चलनी शुरू हुई थी। यह ट्वाय ट्रेन दिन में दो बार अप-डाउन करती है। इसके जरिये प्रकृति को नजदीक से देखने का रोमांच सैलानियों को मिलता है।

ये भी पढ़ें: Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट से जुड़े मामलों पर 29 नवंबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Mumbai Bus Fire Incident VIDEO: धूं-धूं कर जली राज्य परिवहन निगम की बस, सभी 35 यात्री सुरक्षित, वीडियो वायरल