Move to Jagran APP

दूरसंचार विधेयक के मसौदे पर ट्राई की आपत्तियां हो चुकी हैं दूर, आशंकाओं के बारे में हुई बातचीत

अधिकारी ने बताया कि इन आशंकाओं के बारे में दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई है और सभी बकाया मुद्दों का समाधान निकाला जा चुका है। सूत्रों ने कहा कि ट्राई और दूरसंचार विभाग के बीच इस मसले पर अब कोई मतभेद नहीं रह गया है।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Thu, 27 Oct 2022 10:54 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2022 10:54 PM (IST)
विधेयक के प्रारूप के कुछ प्रविधानों से ट्राई को अपने अधिकारों में कमी आने की सता रही आशंका

नई दिल्ली, प्रेट्र। दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार विधेयक के मसौदे के कुछ प्रविधानों को लेकर ट्राई की आपत्तियों पर गौर किया है। जबकि नियामक को सशक्त बनाने से संबंधित प्रविधानों पर सरकार बाद में विचार कर सकती है। विभाग से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। दरअसल, विधेयक के प्रारूप के कुछ प्रविधानों से भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को अपने अधिकारों में कमी आने की आशंका सता रही है। उसने इस बारे में सरकार से अपनी आपत्तियां भी जताई थीं।

अधिकारी ने दी जानकारी

इस बारे में पूछे जाने पर विभाग से जुड़े अधिकारी ने बताया कि इन आशंकाओं के बारे में दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई है और सभी बकाया मुद्दों का समाधान निकाला जा चुका है। सूत्रों ने कहा कि ट्राई और दूरसंचार विभाग के बीच इस मसले पर अब कोई मतभेद नहीं रह गया है।

दूरसंचार विभाग की सोच यह है कि अमेरिकी संघीय संचार आयोग या ब्रिटिश संचार नियामक आफकाम की तर्ज पर ट्राई को भी सशक्त बनाने के लिए जरूरी प्रविधान तीन-चार साल बाद अलग से किए जा सकते हैं। फिलहाल सभी विवादास्पद प्रविधान को विधेयक के मसौदे से हटाने के बारे में विचार किया जा रहा है।

शुल्क एवं जुर्माना हटाने का प्रविधान

सरकार ने पिछले महीने इस विधेयक के मसौदे को हितधारकों के लिए सार्वजनिक किया था। इसमें दूरसंचार एवं इंटरनेट सेवाप्रदाताओं का शुल्क एवं जुर्माना हटाने का प्रविधान रखा गया है। इसके मुताबिक, अगर कोई सेवाप्रदाता अपना लाइसेंस लौटा देता है तो उससे लिए गए शुल्क को लौटाने का प्रविधान है। इस बीच, दूरसंचार सेवाप्रदाता 'ओवर-द-टाप' (ओटीटी) संचार एप को भी नियमन के दायरे में लाने की मांग कर रहे हैं।

उनका कहना है कि वाट्सएप, सिग्नल जैसी कॉलिंग एवं मैसेजिंग सेवाएं देने वाले एप को भी दूरसंचार कंपनियों की ही तरह लाइसेंस नियमों के दायरे में लाया जाना चाहिए। ओटीटी एप को नियमन के दायरे में लाने की मांग पर दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने कहा कि सरकार का ध्यान लाइसेंसिंग नहीं बल्कि उपयोगकर्ता संरक्षा से संबंधित नियमन पर है। सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार विधेयक में स्पैम कॉलिंग और साइबर धोखाधड़ी से जुड़े पक्षों पर कड़ी कार्रवाई के प्रविधान किए जाएंगे।

यह भी पढ़ें- दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- अगले सात से आठ महीने में शुरू हो जाएगी देश में उपग्रह संचार सेवा

यह भी पढ़ें- उपग्रह स्पेक्ट्रम के वैश्विक नियम में भारत की खास अहम भूमिका, ITU के RRB चुनाव में भारतीय महिला को मिला समर्थन


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.