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'मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर वाला स्थानांतरण आदेश तब तक वैध नहीं...', कर्नाटक HC ने बिना तर्क के निचले कैडर की नियुक्ति पर कहा

कोर्ट ने कहा-हम यह मानने के लिए बाध्य हैं कि भले ही ऐसे स्थानांतरण आदेशों पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर हों लेकिन ऐसे आदेशों को वैध आदेश नहीं कहा जा सकता क्योंकि हम योग्य लोगों की अनुपलब्धता के बारे में मुख्यमंत्री को बताने के लिए कारणों का अभाव पाते हैं।पद को भरने के लिए योग्य व्यक्तियों की असमर्थता के बारे में मुख्यमंत्री को सूचित करने का कोई कारण नहीं मिलता है।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Thu, 30 Nov 2023 02:49 PM (IST)
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कर्नाटक उच्च न्यायालय ( फाइल फोटो )
पीटीआई, बेंगलुरु। High Court of Karnataka: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर वाला स्थानांतरण आदेश तब तक वैध नहीं होता जब तक निचले कैडर के अधिकारी को उच्च पद पर तैनात करने का कोई सही तर्क दर्ज न हो कि आखिर उन्हें क्यों प्रमोट किया गया है उसके पीछे क्या कारण है।

कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा, “जैसा कि हम यह कहने के लिए मजबूर हैं, भले ही ऐसे स्थानांतरण आदेशों पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर हों उन्हें वैध आदेश के रूप में नहीं देखा जा सकता क्योंकि हमें इस पद को भरने के लिए योग्य व्यक्तियों की असमर्थता के बारे में मुख्यमंत्री को सूचित करने का कोई कारण नहीं मिलता है और यही कारण है कि एक निचले कैडर के व्यक्ति को इस पद पर रखा जाता है।" 

पीठ ने कर्नाटक प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी की याचिका पर बात कही

जस्टिस के सोमशेखर और जस्टिस राजेश राय के की पीठ ने कर्नाटक प्रशासनिक सेवा (सीनियर स्केल) अधिकारी डॉ. प्रजना अम्मेम्बाला द्वारा दायर याचिका पर अपने हालिया फैसले में यह बात कही।

अम्मेम्बाला ने कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण के 2 अगस्त, 2023 के आदेश को चुनौती दी, जिसने खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त निदेशक पथराजू वी द्वारा दायर आवेदन को अनुमति दे दी और 6 जुलाई 2023 की अम्मेम्बाला की स्थानांतरण अधिसूचना को रद्द कर दिया। पथराजू ने दलील दी थी कि अम्मेम्बाला इस पद के लिए योग्य नहीं हैं।

पथराजू ने अम्मेम्बाला के तबादले को ट्रिब्यूनल में दी थी चुनौती

अम्मेम्बाला को 2006 में सीधी नियुक्ति के माध्यम से एक तहसीलदार के रूप में नियुक्त किया गया था और 2015 में केएएस (जूनियर स्केल) और जनवरी 2021 में केएएस (सीनियर स्केल) में पदोन्नत किया गया था। अम्मेम्बाला को जुलाई 2023 में खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त निदेशक के रूप में स्थानांतरित किया गया था।

पथराजू पहले से ही इस पद पर थे और उन्होंने अम्मेम्बाला के तबादले को ट्रिब्यूनल में चुनौती देते हुए कहा था कि अम्मेम्बाला को मुख्यमंत्री की पूर्व मंजूरी के बिना इस पद पर स्थानांतरित कर दिया गया था। राज्य ने तर्क दिया कि सीएम की पूर्व मंजूरी ली गई थी।

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