यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुधरेगी बसों की सूरत, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नए मानकों को दी मंजूरी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क तो है लेकिन देश में सड़क दुर्घटना चिंता कारण बनी हुई है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट किया बस दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर भारत में बस बॉडी निर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है।
By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Fri, 06 Oct 2023 08:19 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यात्री बसों को सड़क सुरक्षा की कसौटी पर पूरी तरह फिट बनाने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत-एनसीएपी के तहत नए मानकों को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। गडकरी ने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट किया कि बस बाडी के निर्माण के लिए अब नए मानक होंगे और ये ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चर्स (ओईएम) तथा बस बाडी बनाने वाली कंपनियों, दोनों पर समान रूप से लागू होंगे।
भारत में बसों की गुणवत्ता में आयेगा सुधार
गडकरी के मुताबिक बस दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह एक बड़ा कदम है, जो सड़क सुरक्षा के लिहाज से काफी कारगर साबित होगा। गडकरी ने अपनी पोस्ट मं कहा है कि बस निर्माण के नए मानकों को अपनाने के साथ देश में बसों की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। ये इनमें सफर करने वाले लोगों को सुविधा और आराम का अहसास कराएंगी और इसके साथ ही उनकी सुरक्षा भी बेहतर तरीके से सुनिश्चित करेंगी।
In the wake of rising number of bus accidents, there is a pressing need to enhance the quality of bus body construction in Bharat.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) October 6, 2023
I have now approved standards for the construction of bus bodies, which shall be uniformly applicable to both OEMs and bus body builders.
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अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बसों की गुणवत्ता में होगा सुधार
गडकरी ने कहा कि नए मानकों का मुख्य उद्देश्य आपात स्थिति यानी दुर्घटना के समय यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। नए मानकों के लिए मानक अधिसूचना जल्द जारी की जाएगी। इस पर लोगों के सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। गडकरी ने उम्मीद जताई कि सभी पक्ष इस पहल का समर्थन करेंगे ताकि लोगों की सुरक्षा के सबसे अहम पहलू पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा सके।गडकरी देश में बसों के स्तर पर पहले से सवाल खड़े करते रहे हैं। उन्होंने बस निर्माताओं और ओईएम से लगातार यह अपील की कि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बसों की गुणवत्ता में सुधार करें। उनका मानना है कि देश की आटो इंडस्ट्री में ओईएम के पास अपार अवसर हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन बहुत खराब है।ये भी पढ़ें: फोरलेन से जोड़ने की मिली स्वीकृति, लखनऊ और नई दिल्ली आने-जाने वालों को मिलेगा फायदा