पीएम मोदी के US दौरे को लेकर अमेरिकी राजनीति में जबरदस्त उत्साह, विदेशी संसद में 12वीं बार होगा संबोधन
वर्ष 2015 में पीएम मोदी ने श्रीलंका मंगोलिया ब्रिटेन और अफगानिस्तान की संसद को संबोधित किया। वर्ष 2016 में अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया था। वर्ष 2018 में मोदी ने युगांडा की संसद और वर्ष 2019 में मालद्वीप की संसद को संबोधित किया था।
By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Sun, 18 Jun 2023 08:39 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: अगले हफ्ते पहली बार अमेरिका की राजकीय यात्रा पर जा रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जून को अमेरिकी संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे। यह पीएम मोदी का अमेरिकी कांग्रेस में दूसरा और विदेशी संसद में 12वां संबोधन होगा। मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री बन गये हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा बार दूसरे देशों के संसद में भाषण दिया है।
अब तक 11 देशों के संसद को किया संबोधित
अपने कार्यकाल के नौ वर्षों में उन्होंने 11 देशों के संसद को संबोधित किया है। इस मामले में दूसरा स्थान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का है, जिन्होंने दस वर्षों के कार्यकाल में सात बार विदेशी संसद को संबोधित किया। पीएम मोदी के संबोधन को लेकर अमेरिकी राजनीति में जबरदस्त उत्साह है। पिछले तीन-चार दिनों में कम से कम डेढ़ दर्जन अमेरिकी सांसदों ने सोशल मीडिया पर कहा है कि मोदी के इस संबोधन का वे बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
भारतीय प्रधानमंत्रियों की ओर से दूसरे देशों के संसद में संबोधन को लेकर तीसरे स्थान पर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी हैं, जिन्हें ऐसा करने का चार बार मौका मिला। देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू ने तीन बार विदेशी संसद को संबोधित किया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और राजीव गांधी ने दो-दो बार दूसरे देशों के संसद को संबोधित किया था। पूर्व पीएम मोरारजी देसाई और वी पी सिंह को एक-एक बार ही विदेशी सरकारों ने अपने संसद को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था।
इतिहास के गिने चुने नेताओं में पीएम मोदी
जहां तक अमेरिकी संसद का सवाल है तो भारत के प्रधानमंत्रियों में अभी तक जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी ने संबोधित किया है। पीएम मोदी सिर्फ भारत के ही नहीं बल्कि विश्व इतिहास में उन गिने चुने नेताओं में शामिल होंगे, जो अमेरिकी कांग्रेस को एक से ज्यादा बार संबोधित करेंगे। वर्ष 2014 में पीएम पद संभालने के बाद मोदी ने सबसे पहले भूटान की संसद को संबोधित किया था। उसके बाद वर्ष 2014 में ही नेपाल, आस्ट्रेलिया व फिजी की संसद में अपना संबोधन दिया। यह आस्ट्रेलिया व फिजी की संसद में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का भाषण था।वर्ष 2015 में पीएम मोदी ने श्रीलंका, मंगोलिया, ब्रिटेन और अफगानिस्तान की संसद को संबोधित किया। वर्ष 2016 में अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया था। वर्ष 2018 में मोदी ने युगांडा की संसद और वर्ष 2019 में मालद्वीप की संसद को संबोधित किया था। यह वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती साख व कूटनीतिक दक्षता को भी दर्शाता है।