आदिवासी बस्तियों के लिए पिछले तीन महीनों में 7,000 करोड़ रुपये स्वीकृत, आजादी के 75 साल बाद बिजली कनेक्शन पहुंचा
आदिवासी बस्तियों के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के तहत पिछले तीन महीनों में 7000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष 15 नवंबर को मिशन की शुरुआत की थी। मंत्रालय ने कहा कि अधिकांश परियोजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करना संबंधित राज्य विभागों द्वारा मंजूरी और संबंधित मंत्रालयों द्वारा अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
आईएएनएस, नई दिल्ली। आदिवासी बस्तियों के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के तहत पिछले तीन महीनों में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई। इसकी पहली किस्त 15 जनवरी को जारी की गई। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।
कब हुई थी मिशन की शुरुआत?
प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष 15 नवंबर को मिशन की शुरुआत की थी। मंत्रालय ने कहा कि अधिकांश परियोजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करना, संबंधित राज्य विभागों द्वारा मंजूरी और संबंधित मंत्रालयों द्वारा अनुमोदन की आवश्यकता होती है। अधिकांश राज्यों में बजट परिव्यय के केंद्र का हिस्सा जारी कर दिया गया है। आवास, पानी, सड़क, बिजली, दूरसंचार और बहुउद्देशीय केंद्रों से संबंधित परियोजनाओं में निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं।
कई राज्यों में जनवरी में मोबाइल मेडिकल इकाइयां और आंगनबाडि़यों ने कार्य करना शुरू कर दिया है और वनधन केंद्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण शुरू हो गया है। इस दौरान दो लाख से अधिक आधार, पांच लाख आयुष्मान कार्ड, 50,000 जनधन खाते जारी किए गए। वन अधिकार अधिनियम के तहत पट्टा पाने वाले पांच लाख से अधिक आदिवासी परिवारों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ दिया गया।
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उल्लेखनीय उपलब्धियों में मैसूर में एक आदिवासी बस्ती को आजादी के 75 साल बाद बिजली कनेक्शन और 12 दिनों में महाराष्ट्र में 2,395 आदिवासी घरों में बिजली की आपूर्ति शुरू करना शामिल है।