'जनजातीय जीवनशैली जलवायु परिवर्तन का समाधान', राष्ट्रपति मुर्मु ने उनके पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करने की अपील की
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि जनजातीय समुदाय की जीवनशैली वैश्विक समस्या जलवायु परिवर्तन का समाधान प्रदान करती है। राष्ट्रपति ने जनजातीय समुदायों से प्रकृति के साथ सामंजस्य के साथ रहना सीखने की आवश्यकता पर जोर दिया। राष्ट्रपति ने पारंपरिक ज्ञान के धीरे-धीरे विलुप्त होने पर चिंता व्यक्त की और इसके संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने की जरूरत पर जोर दिया।
पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार को कहा कि जनजातीय समुदाय की जीवनशैली वैश्विक समस्या जलवायु परिवर्तन का समाधान प्रदान करती है। उन्होंने उनके पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करने की अपील की है।
सामंजस्य के साथ रहना सीखने की आवश्यकता पर दियो जोर
राष्ट्रपति ने जनजातीय समुदायों से प्रकृति के साथ सामंजस्य के साथ रहना सीखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह बात ऐसे समय में कही है जब आधुनिकीकरण की दौड़ ने पृथ्वी और उसके प्राकृतिक संसाधनों को काफी नुकसान पहुंचाया गया है।
राष्ट्रपति ने किया आदि महोत्सव का उद्घाटन
राष्ट्रपति ने यहां मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद कहा कि जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए जनजातीय समुदाय की जीवनशैली को अपनाना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। आज जब पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में जनजातीय समुदाय की जीवनशैली और भी अनुकरणीय हो जाती है।President Droupadi Murmu inaugurated the Aadi Mahotsav 2024 at Major Dhyan Chand National Stadium in New Delhi. The President said that today, when the whole world is trying to solve the problem of global warming and climate change, the lifestyle of the tribal community becomes… pic.twitter.com/my46QR0fKH
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 10, 2024
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