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Tribal Welfare Board Case: आदिवासी कल्याण बोर्ड मामले में 10 करोड़ रुपये जब्त, फर्जीवाड़े की जांच के तहत SIT की कार्रवाई

करोड़ों रुपये के आदिवासी कल्याण बोर्ड मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने सोने की दुकानों बार और अन्य प्रतिष्ठानों के खातों से 10 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। अब तक इस मामले में 28 करोड़ रुपये बरामद किए जा चुके हैं। घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने शनिवार को श्रीनिवास नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sat, 29 Jun 2024 09:09 PM (IST)
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आदिवासी कल्याण बोर्ड मामले में भाजपा के नेता मुख्यमंत्री सिद्दरमैया के आवास का घेराव करेंगे। (फाइल फोटो)

आईएएनएस, बेंगलुरु। आदिवासी कल्याण बोर्ड में कई करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 193 बैंक खातों से 10 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। सूत्रों ने शनिवार को बताया यह रकम सोने की दुकानों के मालिकों और बार मालिकों के बैंक खातों से बरामद किया गया। यह धनराशि कथित तौर पर बोर्ड के खाते से इन खातों में ट्रांसफर की गई थी।

इस मामले में एसआईटी ने शनिवार को श्रीनिवास नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। श्रीनिवास पर अन्य लोगों के नाम पर उनकी जानकारी के बिना फर्जी खाते खोलने तथा आरोपितों को लेनदेन में मदद करने का आरोप है। इस संबंध में बेंगलुरु में उन लोगों द्वारा चार शिकायतें दर्ज कराई गई हैं जिनके नाम पर फर्जी खाते खोले गए थे। सभी चार प्राथमिकी एसआईटी को ट्रांसफर कर दी गई हैं। अब तक इस मामले में 28 करोड़ रुपये बरामद किए जा चुके हैं।

सिद्दरमैया के घर का घेराव करेगी भाजपा

कर्नाटक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने शनिवार को कहा कि आदिवासी कल्याण बोर्ड मामले में भाजपा के नेता तीन जुलाई को मुख्यमंत्री सिद्दरमैया के बेंगलुरु स्थित आवास का घेराव करेंगे। भाजपा ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया। सभी जिलों में उपायुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया गया।

इस मामले का तब पता चला जब लेखा अधीक्षक चन्द्रशेखर पी. का सुसाइड नोट मिला। चंद्रशेखर ने 26 मई को कथित तौर पर आत्महत्या की थी। सुसाइड नोट में बोर्ड के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपये के अनधिकृत ट्रांसफर का दावा किया गया था। चन्द्रशेखर ने नोट में निगम के अब निलंबित प्रबंध निदेशक जेजी पद्मनाभ, लेखा अधिकारी परशुराम जी. दुरुगन्नवर और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य प्रबंधक सुचिस्मिता रावल का नाम लिया है।

उन्होंने यह भी लिखा कि मंत्री ने रकम ट्रांसफर करने के लिए मौखिक आदेश दिए थे। घोटाले के सिलसिले में अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी. नागेन्द्र को इस्तीफा देना पड़ा था।