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महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की आचार समिति की सिफारिश पर TMC की खरी-खरी, लोकसभा में की चर्चा की मांग

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने शनिवार को लोकसभा में कैश-फॉर-क्वेरी मामले में पार्टी के सांसद महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने की आचार समिति की सिफारिश पर चर्चा की मांग की। शीतकालीन सत्र से पहले सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक में लोकसभा और राज्यसभा में टीएमसी के संसदीय दल के नेता क्रमश सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने इसका प्रतिनिधित्व किया।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 02 Dec 2023 04:19 PM (IST)
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टीएमसी ने महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की एथिक्स पैनल की सिफारिश पर लोकसभा में चर्चा की मांग की।फाइल फोटो।
पीटीआई, नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने शनिवार को लोकसभा में 'कैश-फॉर-क्वेरी' मामले में पार्टी के सांसद महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने की आचार समिति की सिफारिश पर चर्चा की मांग की। मालूम हो कि संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू हो रहा है, जो कि 22 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान कुल 15 बैठकें होंगी। वहीं, महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश करने वाली लोकसभा पैनल की रिपोर्ट सत्र के पहले दिन सदन में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

शीतकालीन सत्र से पहले सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक में लोकसभा और राज्यसभा में टीएमसी के संसदीय दल के नेता क्रमश: सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने इसका प्रतिनिधित्व किया। वहीं, टीएमसी प्रतिनिधियों ने दावा किया कि पैनल की रिपोर्ट सदन में पेश किए जाने से पहले सार्वजनिक कर दी गई है। बैठक में उन्होंने कहा कि कुछ सांसदों को पहले ही निलंबित किया गया है और मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, टीएमसी के एक सदस्य को जल्द ही निष्कासित किया जाएगा।

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सदन में रिपोर्ट पेश करने से पहले हो चर्चाः टीएमसी

बैठक के दौरान टीएमसी नेताओं ने सदन में रिपोर्ट को पेश करने से पहले लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद ही सदन को इस मुद्दे पर निर्णय लेना चाहिए। मालूम हो कि नियमों के मुताबिक, जब सदन आचार समिति की सिफारिश के पक्ष में वोट करता है तभी मोइत्रा को निष्कासित किया जा सकता है।

टीएमसी ने सरकार पर लगाए कई आरोप

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, टीएमसी नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार सर्वदलीय बैठकों में चर्चा किए बिना संसद में विधेयक ला रही है। इस दौरान उन्होंने केंद्र से आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम को बदलने वाले तीन विधेयकों को पारित नहीं करने का भी आग्रह किया। बैठक में दोनों नेताओं ने पश्चिम बंगाल के लिए लंबित मनरेगा भुगतान का मुद्दा भी उठाया।

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