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तृणमूल सांसद ने ट्विटर पर पीएम मोदी को कहे आपत्तिजनक शब्द, पूछा - क्या विदेश मंत्री को भूलने की बीमारी है?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुलासा किया कि उनके पिता डॉ. के सुब्रमण्यम को 1980 में इंदिरा गांधी की सरकार में रक्षा उत्पादन के सचिव पद से हटा दिया गया था। राजीव गांधी की सरकार में उनके पिता से जूनियर अधिकारी को उनसे पहले प्रमोट कर दिया गया था।

By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Wed, 22 Feb 2023 10:00 AM (IST)
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तृणमूल सांसद ने ट्विटर पर पीएम मोदी को कहा असुर
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व नौकरशाह जवाहर सरकार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "असुर" कहा। जवाहर सरकार ने बताया कि उनके पिता डॉ के. सुब्रह्मण्यम को 1980 में सत्ता में लौटने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रक्षा उत्पादन सचिव के पद से हटा दिया था। जयशंकर द्वारा किए गए इसी दावे को लेकर जवाहर सरकार ने एस जयशंकर  को लेकर कई  सवाल पूछे हैं। 

बेटे को शर्म आनी चाहिए- जवाहर सरकार

डॉ. जयशंकर के इस बयान को लेकर टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने ट्वीट करते हुए एस जयशंकर के पिता के गुजरात दंगे को लेकर दिए गए बयान का जिक्र किया और लिखा 'के. सुब्रमण्यम ने कहा था कि गुजरात में धर्म की हत्या हुई है। जो लोग मासूम लोगों की रक्षा नहीं कर सके वह अधर्म के दोषी हैं। राम गुजरात के असुर शासकों के खिलाफ अपने धनुष बाण का इस्तेमाल करेंगे।' इसके बाद जवाहर सरकार ने लिखा 'बेटे को शर्म आनी चाहिए जो असुरों की सेवा कर रहा है।'

क्या उन्हें भूलने की बीमारी है?- जवाहर सरकार

जयशंकर के एक बयान पर जवाहर सरकार ने ट्वीट किया, जयशंकर गांधी परिवार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। वफादारी से उनकी सेवा करने और उनकी सरकार के तहत सबसे अच्छी पोस्टिंग लेने के बाद? क्या उन्हें भूलने की बीमारी है या वह विदेश मंत्री के रूप में वह अभूतपूर्व प्रमोशन लेने के बाद बीजेपी को गले लगा रहे हैं?

जयशंकर ने किया खुलासा

एएनआई के साथ एक साक्षात्कार के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुलासा किया कि उनके पिता, डॉ. के सुब्रह्मण्यम को 1980 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा रक्षा उत्पादन सचिव के पद से हटा दिया गया था और उनकी जगह राजीव गांधी युग के दौरान किसी छोटे व्यक्ति को कैबिनेट सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था।

जयशंकर ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में भारत की प्रगति के लिए सही समय पर सही पार्टी के रूप में भाजपा में शामिल होने का कारण बताया था।

जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव थे और इससे पहले उन्होंने चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित प्रमुख राजदूत पदों पर कार्य किया था। उनके पिता के सुब्रह्मण्यम, जिनका 2011 में निधन हो गया था, को भारत के सबसे प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतिकारों में से एक माना जाता है।

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