त्रिपुरा : ब्रू शरणार्थियों की पुनर्वास कालोनी का मुआयना करने पहुंचे बिप्लब देब, पीएम मोदी और शाह को कहा धन्यवाद
मुख्यमंत्री त्रिपुरा बिप्लब देब ने कहा आज हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है। 23 साल से ये लोग जिस तरह की यातना सहन कर रहे थे। यदि वह अपने साथ नहीं होगा तो हम उसका एहसास नहीं कर पाएंगे।
By Neel RajputEdited By: Updated: Thu, 29 Apr 2021 08:54 PM (IST)
अगरतला, राज्य ब्यूरो। लंबे अरसे से लंबित ब्रू शरणार्थियों के अपना घर और अपनी पहचान के पूरे हो रहे सपने के अवसर पर मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब स्वयं साक्षी बने। इस मानवीय कार्य को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया है। देब ने कहा है कि पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह के मार्गदर्शन के बिना यह कार्य संभव नहीं था। उन्होंने त्रिपुरावासियों की ओर से पीएम और गृह मंत्री का आभार जताया है। धलाई जिले के हादुकुलूक में ब्रू शरणार्थियों के लिए बन रहे पुनर्वासन कालोनी का गुरूवार को मुआयना करने पहुंचे मुख्यमंत्री देब ने यहां रह रहे ब्रू शरणार्थियों से मुलाकात की।
इस अवसर पर देब ने कहा, जीवन में ऐतिहासिक क्षण देखना उनके लिए परम सौभाग्य का विषय है। 23 वर्षों के बाद ब्रू शरणार्थियों की समस्या का न सिर्फ सथाई समाधान निकला है बल्कि अपनी पहचान और अपने मकान के उनके सपने पूरे हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, आज हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है। 23 साल से ये लोग जिस तरह की यातना सहन कर रहे थे। यदि वह अपने साथ नहीं होगा तो हम उसका अहसास नहीं कर पाएंगे। 23 साल से ब्रू शरणार्थियों को अपने ही देश में शरणार्थी बनकर रहना पड़ रहा था। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी की वजह से उनकी इस समस्या का समाधान हुआ।
ब्रू भाई-बहनों से मिलजुल कर एकजुटता के साथ रहने की अपील करते हुए देब ने कहा, आज उनके जीवन का पहला दिन है। आशा करता हूं कि मेरे रियांग भाई-बहन पीएम मोदी जी के मार्गदर्शन में आगे बढेंगे और नया जीवन व्यतित करेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि त्रिपुरा में हम सब जाति और जनजाति मिलकर एक नया त्रिपुरा बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने रियांग नेताओं से आग्रह किया की शरणार्थी कैंपों में रह रहे सभी ब्रू भाई-बहन जल्द से जल्द पुनर्वास के लिए आवंटित अपने स्थानों पर आ जाएं। ब्रू शरणार्थी और पुनर्वास स्थल के बगल के लोंगों से अपील किया कि सभी लोग आपस में मिलजुल कर शांति से रहें। श्री देब ने बताया कि कोविड की परिस्थिति में भी राज्य सरकार रुकी नहीं थी। हमने 13 स्थानों पर पुनर्वासन की व्यवस्था शुरू की है। जिसमें धलाई जिले के हादुकुलूक में 204 परिवार कंचनपुर के कैंपों से आकर यहां रहने लगे हैं। अन्य 250 परिवारों ने भी इस स्थान पर ही आने की इच्छा जताई है। देब ने इसके लिए राज्य के मुख्यसचिव और स्थानीय प्रशासन को निर्देश दे दिए हैं कि इच्छुक लोंगों को यहां बसाया जाए।
उन्होंने कहा, कुल 37140 रियांग भाई और बहनों को हम नया जीवन प्रदान करेंगे। इस मानवीय कार्य के लिए मैं माननीय पीएम मोदी जी और केंदीय गृह मंत्री जी को इस ऐतिहासिक कार्य के लिए धन्यवाद करता हूं। माननीय प्रधानमंत्री जी ने आर्थिक रूप से सहायता की है। इस पुनर्वासन की परियोजना पर 1300 करोड रुपये खर्च होंगे। जिसमें से 600 करोड रुपये का फंड राज्य को प्राप्त हो गया हैं। सनद रहे कि 16 जनवरी, 2020 को गृहमंत्री अमित शाह जी की देखरेख में केंद्र सरकार, मिजोरम सरकार, त्रिपुरा सरकार और ब्रू नेताओं के बीच ब्रू शरणार्थियों के स्थायी समाधान को लेकर एक समझौता हुआ। जिसके तहत इन सभी ब्रू शरणार्थियों को त्रिपुरा ने अपना नागरिक माना और इनके पुनर्वासन की व्यवस्था के लिए हामी भरी। केंद्र सरकार ने इस पुनर्वासन के लिए 600 करोड रुपये का पैकेज प्रदान किया है।
ब्रू शरणार्थी अब अपने कैंपों से हटकर त्रिपुरा सरकार द्वारा बनाए जा रहे पुनर्वासन कालोनी में आकर बसने लगे हैं। मुख्यमंत्री देब ने राज्य के आला अधिकारियों संग राज्य के पहले पुनर्वासन कालोनी का दौरा कर ब्रू शरणार्थियों से मुलाकात की और उनकी स्थितियों का जायजा लिया।