टीआरपी मामले में बार्क के पूर्व सीईओ ने बीमारियों का दिया हवाला लेकिन नहीं मिली अंतरिम जमानत
मुंबई की एक सत्र अदालत ने सोमवार को बार्क के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता को अंतरिम जमानत देने से इन्कार कर दिया। दासगुप्ता ने अदालत से जमानत दिए जाने का आग्रह करते हुए अपनी याचिका में बीमारियों से पीडि़त होने का हवाला दिया था।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Tue, 12 Jan 2021 06:05 AM (IST)
मुंबई, पीटीआइ। मुंबई की एक सत्र अदालत ने सोमवार को ब्राडकास्ट आडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता को अंतरिम जमानत देने से इन्कार कर दिया। अदालत दासगुप्ता की जमानत याचिका पर निर्णय करने के लिए 15 जनवरी को अगली सुनवाई करेगी। दासगुप्ता ने जमानत का आग्रह करते हुए अपनी याचिका में अदालत से कहा कि उनकी उम्र 55 वर्ष हो गई है और वह डायबिटीज एवं दूसरी अन्य बीमारियों से पीडि़त हैं।
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ आरोप अटकलों पर आधारित हैं। उनके वकील शार्दूल सिंह ने सत्र अदालत के न्यायाधीश एमए भोंसले से कहा कि अभियोजन के आरोप के मुताबिक दासगुप्ता के खिलाफ ठगी का अपराध नहीं बनता। उन्होंने कहा कि चूंकि मामले में आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र दाखिल हो चुका है इसलिए दासगुप्ता को जमानत दे दी जानी चाहिए और कहा कि मामले में कई सहआरोपितों को जमानत दी जा चुकी है। विशेष लोक अभियोजक शिशिर हीरे ने अदालत से कहा कि सोमवार को पुलिस ने पांच हजार से अधिक पन्नों का पूरक आरोप पत्र दायर किया है और इसे पढ़ने के लिए उन्हें समय की जरूरत है। न्यायाधीश भोंसले ने कहा कि सभी पक्षों को सुने बगैर वह जमानत देने के इच्छुक नहीं हैं। टीआरपी धोखाधड़ी का मामला पिछले वर्ष अक्टूबर में सामने आया था जब बार्क ने हंस रिसर्च समूह के माध्यम से शिकायत कर आरोप लगाया कि कुछ चैनल टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) में धोखाधड़ी कर रहे हैं।
बीते 30 दिसंबर को ब्राडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (Broadcast Audience Research Council, BARC) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता (Partho Dasgupta) को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले में उन्हें 24 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। मुंबई पुलिस का आरोप है कि दासगुप्ता (Partho Dasgupta) ने अपने पद का दुरुपयोग किया और कुछ टीवी चैनलों की टीआरपी के साथ छेड़छाड़ की।