Move to Jagran APP

'हिंदू मंदिर की तुलना वक्फ बोर्ड से कैसे कर सकते हैं', ओवैसी के बयान पर भड़के टीटीडी के चेयरमैन

ओवैसी की ओर से तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम से वक्फ बोर्ड की तुलना करने पर टीटीडी के चेयरमैन बीआर नायडू ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड एक रियल स्टेट कंपनी है। नायडू ने कहा कि तिरुमाला एक हिंदू मंदिर है और यहां सालों से मांग उठती रही है कि गैर हिंदुओं को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 04 Nov 2024 10:59 PM (IST)
Hero Image
टीटीडी चेयरमैन ने ओवैसी के बयान पर आपत्ति जताई है। (File Image)
एएनआई, हैदराबाद। तेलंगाना में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के चेयरमैन बीआर नायडू ने टीटीडी पर एआईएमआईएम के प्रमुख असादुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड एक रियल स्टेट कंपनी है। उन्होंने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम से इसकी तुलना पर कड़ी आपत्ति जताई है।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के चेयरमैन बीआर नायडू ने सोमवार को एआईएमआईएम के प्रमुख असादुद्दीन ओवैसी के टीडीडी पर दिए बयान को निराधार बताते हुए पूछा कि वह तिरुमाला जैसे हिंदू मंदिर की तुलना वक्फ बोर्ड से कैसे कर सकते हैं, जो कि एक रियल स्टेट कंपनी है।

ओवैसी ने केंद्र के फैसले पर उठाया था सवाल

नायडू ने कहा कि तिरुमाला एक हिंदू मंदिर है। सालों से यह मांग उठती रही है कि गैर हिंदुओं को तिरुमाला में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। सनातन धर्म के अनुसार वहां केवल हिंदुओं को होना चाहिए। हम इस पर काम कर रहे हैं और इस पर पहली बोर्ड बैठक में फैसला होगा।

(टीटीडी चेयरमैन बीआर नायडू। Photo- ANI)

गौरतलब है कि विगत शनिवार को एआईएमआईएम के प्रमुख और सांसद असादुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार के वक्फ संशोधन बिल लाने की आलोचना करते हुए सेंट्रल वक्फ काउंसिल में दो गैर मुसलमानों को अनिवार्य रूप से शामिल करने पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि था कि कोई गैर मुस्लिम वक्फ बोर्ड में कैसे हो सकता है?

क्या कहा था ओवैसी ने?

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'टीटीडी बोर्ड (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) के 24 सदस्यों में से एक भी सदस्य गैर-हिंदू नहीं है। टीटीडी के नए चेयरमैन का कहना है कि वहां काम करने वाले लोग हिंदू होने चाहिए। हम इसके खिलाफ नहीं हैं, हमें बस इस बात पर आपत्ति है कि नरेंद्र मोदी की सरकार वक्फ के प्रस्तावित बिल में कह रही है कि केंद्रीय वक्फ परिषद में 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों का होना अनिवार्य कर दिया गया है। आप वक्फ बिल में यह प्रावधान क्यों ला रहे हैं?'

(असदुद्दीन ओवैसी)

भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने असादुद्दीन ओवैसी के बयान की आलोचना करते हुए इसे जनता को गुमराह करने वाला बताया है। उन्होंने पूछा कि ओवैसी जी को जवाब देना चाहिए कि वह गरीब मुसलमानों के इतने खिलाफ क्यों हैं? वक्फ अधिनियम की धारा 40 के तहत वक्फ बोर्ड को शक्ति मिलती है कि वह किसी भी संपत्ति को वक्फ का घोषित कर सकते हैं। अगर आपको न्याय के लिए अपील करनी हो तो फिर वक्फ बोर्ड के ही पास जाना होगा। यह कैसा न्याय है? इसलिए इस अधिनियम में संशोधन जरूरी है।