Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Twitter: संसदीय पैनल के आगे ट्विटर ने दी सफाई, कहा- भारत सरकार ने एजेंट की नियुक्ति के लिए नहीं किया संपर्क

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व वाली सूचना और प्रौद्योगिकी के लिए स्थायी समिति के सामने ट्विटर कंपनी के पैनल ने जानकारी दी कि कंपनी सख्त डेटा सुरक्षा मानदंडों का पालन करती है। हालांकिकंपनी ने कहा कि मुख्यालय में उपयोगकर्ताओं का डेटा मौजूद है।

By Piyush KumarEdited By: Updated: Fri, 26 Aug 2022 10:20 PM (IST)
Hero Image
सूचना और प्रौद्योगिकी के लिए स्थायी समिति के सामने ट्विटर कंपनी के पैनल ने जानकारी दी।(फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॅार्म ट्विटर (Twitter) में किसी भी एजेंट की नियुक्ति के लिए संपर्क नहीं किया है। एक संसदीय पैनल ( Parliamentary Panel) ने शुक्रवार को ट्विटर पर उपयोगकर्ता डेटा की गोपनीयता, उल्लंघनों की संभावना और जाटको नाम के एक पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए अनियमितताओं के आरोपों सहित कई मुद्दों पर सवाल पूछे।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व वाली सूचना और प्रौद्योगिकी के लिए स्थायी समिति के सामने ट्विटर कंपनी के पैनल ने जानकारी दी कि कंपनी सख्त डेटा सुरक्षा मानदंडों का पालन करती है।  कंपनी ने आगे बताया कि अधिकांश कर्मचारियों के पास किसी भी प्रकार का उपयोगकर्ताओं का डेटा मौजूद नहीं है।

समिति ट्विटर टीम से पता लगाना चाहती थी कि कहीं डेटा लीक तो नहीं हुआ

हालांकि,कंपनी ने कहा कि मुख्यालय में उपयोगकर्ताओं का डेटा मौजूद है, लेकिन यह विशुद्ध रूप से तकनीकी उद्देश्यों के लिए डेटा जमा की जाती है। बता दें कि जाटकों नाम के ट्विटर के एक पूर्व कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार ने ट्विटर इंडिया में निगरानी के लिए अपना कर्मचारी नियुक्त करवाया है। समिति में मौजूद सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि स्थायी समिति ट्विटर टीम से पता लगाना चाहती थी कि कहीं डेटा लीक तो नहीं हुआ। ट्विटर टीम ने सदस्यों को बताया कि सोशल मीडिया दिग्गज द्वारा कोई डेटा लीक नहीं किया गया है।

सदस्यों ने आगे ट्विटर टीम से पूछा कि क्या उपयोगकर्ताओं का डेटा किसी विशेष रूप से या उनमें से कुछ के लिए उपलब्ध था। ट्विटर ने जानकारी दी कि भारत में किसी भी कर्मचारी के पास उपयोगकर्ता डेटा तक पहुंच नहीं है। गौरतलब है कि मुख्यालय में उपयोगकर्ताओं के डेटा तक कुछ पहुंच है और यह विशुद्ध रूप से तकनीकी उद्देश्यों के लिए है ही है। सदस्यों ने ट्विटर से पूछा कि क्या उनके पास डेटा के किसी भी उल्लंघन को नियंत्रित करने के लिए कोई तंत्र है, जिस पर ट्विटर के प्रतिनिधियों ने बताया कि डेटा का कोई उल्लंघन नहीं किया गया।

50 मिनट से अधिक देर तक चली बैठक

सूत्रों के अनुसार, सवाल पूछा गया था कि क्या ऐसे उदाहरण हैं जहां उपयोगकर्ताओं ने गोपनीय रूप से ट्विटर के डेटा संरक्षण अधिकारी से संपर्क किया था। पैनल के सदस्यों ने यह भी विवरण मांगा कि भारत में ट्विटर के लिए कितने कर्मचारी काम कर रहे थे और कितने विशेष रूप से आईटी अनुभाग में और डेटा प्रबंधन के लिए सुरक्षा टीम में कार्यरत थे?

सूत्रों ने यह भी जानकारी दी कि ट्विटर के अधिकारी 'संतोषजनक' जवाब नहीं दे सके। बता दें कि ट्विटर ने बताया कि कंपनी अब सवालों का जवाब लिखित तौर पर देगी। सूत्र ने कहा कि चर्चा 50 मिनट से अधिक देर तक चली। हालांकि कंपनी ठोस जवाब देने में कामयाब नहीं हो सकी। समिति के समक्ष उपस्थित होने वाले ट्विटर के अधिकारियों में सार्वजनिक नीति और सरकार के ट्विटर की निदेशक, शगुफ्ता कामरान सहित अन्य अधिकारी शामिल थे।