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पाकिस्तान से हिंदुओं का दो जत्था पहुंचा जोधपुर, भारत में बसने की जताई इच्छा, कहा- उनके साथ हो रहा था भेदभाव

पाकिस्तान के सिंध प्रांत से प्रताड़ित हिंदुओं का दो जत्था इस सप्ताह जोधपुर पहुंचा। उन्होंने पाकिस्तानी सरकार पर देश में अचानक आई बाढ़ के बाद जारी राहत कार्यों में उनके साथ उत्पीड़न और भेदभाव का आरोप लगाते हुए भारत में ही बसने की इच्छा जताई।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 15 Oct 2022 09:02 PM (IST)
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पाकिस्तानी हिंदुओं ने जताई भारत में बसने की इच्छा। (प्रतीकात्मक फोटो)
जोधपुर, पीटीआइ। पाकिस्तान के सिंध प्रांत से प्रताड़ित हिंदुओं का दो जत्था इस सप्ताह जोधपुर पहुंचा। उन्होंने पाकिस्तानी सरकार पर देश में अचानक आई बाढ़ के बाद जारी राहत एवं बचाव कार्यों में उनके साथ उत्पीड़न और भेदभाव का आरोप लगाते हुए भारत में ही बसने की इच्छा जताई। पाकिस्तान में सिंध के टांडो अल्लाहयार जिले से भारत आए प्रवासी भील समुदाय के लोगों ने कहा कि वह वापस पाकिस्तान नहीं जाना चाहते हैं।

अटारी-वाघा चेकपोस्ट से भारत में हुए दाखिल

अपनी पत्नी और आठ बच्चों के साथ भारत आए चतुरराम भील ने बताया कि दोनों जत्थे में उनके समुदाय के लगभग 100 लोग पाकिस्तान से भारत आए हैं। मालूम हो कि दोनों जत्था अटारी-वाघा चेकपोस्ट (Attari-Wagah checkpost) के जरिए भारत आया है। पहला समूह 12 अक्टूबर को भारत आया था, जबकि दूसरा समूह 14 अक्टूबर को आया। भील ने कहा कि वे पहले हरिद्वार पहुंचे फिर वहां से वह जोधपुर गए।

पाकिस्तान में राहत बचाव कार्यों में हो रहा भेदभाव

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में उनके इलाके में अचानक आई बाढ़ के कारण उनका जीवन दयनीय से गुजर रहा है। पाकिस्तानी सरकार बाढ़ के राहत बचाव कार्यों में भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा, 'हमारे पास न तो अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए कोई नौकरी है और न ही भोजन खरीदने के लिए पर्याप्त धन है। हममें से कई लोगों के घर बाढ़ में बह गए है।

देश छोड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं

शुक्रवार रात जोधपुर पहुंचे समूह के एक अन्य सदस्य विष्णु ने कहा कि हमने पाकिस्तान में बहुत ही भेदभाव का सामना किया, जो देश में अचानक आई बाढ़ के समय असहनीय हो गया था। पाकिस्तान में जीवन यापन कारना बहुत कठिन हो गया था और हमारे पास पाकिस्तान को छोड़ने के अलावा दूसरा और कोई विकल्प नहीं बचा था।

दस्तावेजों की होगी जांच

मालूम हो कि पुलिस अधिकारियों ने प्रवासियों के दस्तावेजों की जांच करने के लिए टीमें भेजीं है। एएसपी (सीआईडी) रामेश्वर लाल मेघवाल ने कहा, 'इस मामले में जो भी उचित होगा हम करेंगे। अगर वे वापस नहीं जाना चाहते हैं तो उन्हें यहां रहने की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा जाएगा।'

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