जारी रहेगी कश्मीरी युवाओं की उड़ान योजना
कैबिनेट से योजना को आगे जारी रखने की हरी झंडी, निजी क्षेत्र में कश्मीरी युवाओं को मिलता है प्रशिक्षण व रोजगार...
By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Wed, 20 Sep 2017 10:13 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: आतंकवाद से ग्रस्त जम्मू-कश्मीर के युवाओं की निजी क्षेत्र में नौकरियां हासिल करने की 'उड़ान' आगे भी जारी रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसे हरी झंडी दे दी गई। 'उड़ान' योजना के तहत युवाओं को भर्ती करने के बाद कंपनियां ट्रेनिंग भी देती हैं और रोजगार की गारंटी भी। इस योजना के तहत अभी तक घाटी के लगभग 30000 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और उनमें से लगभग 17000 देश के अलग-अलग हिस्से में निजी कंपनियों में नौकरी भी कर रहे हैं।
दरअसल कश्मीरी युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें निजी कंपनियों में नौकरी का अवसर उपलब्ध कराने के लिए 2011-12 में केंद्र सरकार ने 750 करोड़ रुपये के बजट से इस योजना की शुरुआत की थी। इस योजना में टेक महिंद्रा, टीसीएस, एक्सेंचर, फ्यूचर लर्निग, आइएलएफएस, मैन पावर, रिलायंस एचआर, रूमन टेक्नालॉजी, फीडेलिस और प्रोलीफिक सिस्टम्स जैसी कंपनियां कश्मीर घाटी में कैंप लगाकर युवाओं का साक्षात्कार करती हैं और चयनित युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग देती हैं। साथ ही इन युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप नौकरी भी सुनिश्चित करती हैं। इस योजना से अब तक 64 कंपनियां जुड़ चुकी हैं।शुरू में यह योजना पांच सालों के लिए 2015-16 तक के लिए लाई गई थी। लेकिन योजना की सफलता और कश्मीरी युवाओं में इसकी लोकप्रियता को देखते हुए सरकार ने इसे 2016-17 तक बढ़ा दिया था। इसके बाद इस साल केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इस योजना को अगले तीन साल यानी 2019-20 तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया था, जिसे हरी झंडी मिल गई है।