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सनातन धर्म पर टिप्पणी करने वाले उदयनिधि स्टालिन, आज तमिलनाडु के डिप्टी सीएम के तौर पर लेंगे शपथ

राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार राज्यपाल आरएन रवि ने शनिवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की कैबिनेट फेरबदल की सिफारिशों को मंजूरी प्रदान कर दी। सीएम ने राज्यपाल से युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन को उनके मौजूदा विभागों के अलावा योजना और विकास विभाग आवंटित करने और उपमुख्यमंत्री के रूप में नामित करने की सिफारिश की थी।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Sun, 29 Sep 2024 05:45 AM (IST)
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नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह आज साढ़े तीन बजे राजभवन में होगा
पीटीआई, नई दिल्ली। सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी करने वाले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को मंत्री से पदोन्नत कर राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। राज्य की द्रमुक सरकार ने शनिवार को मंत्रिमंडल में और भी कई बड़े फेरबदल किए हैं। वी सेंथिल बालाजी की फिर से राज्य मंत्रिमंडल में वापसी हुई है। डा. गोवी चेझियान, आर राजेंद्रन और एसएम नासर भी मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए हैं।

नए मंत्रिमंडल से डेयरी विकास विभाग संभालने वाले मनो थंगराज सहित तीन मंत्रियों को हटा दिया गया है। नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह 29 सितंबर यानी रविवार दोपहर साढ़े तीन बजे राजभवन में होगा।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दी मंजूरी

राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार राज्यपाल आरएन रवि ने शनिवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की कैबिनेट फेरबदल की सिफारिशों को मंजूरी प्रदान कर दी। सीएम ने राज्यपाल से युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन को उनके मौजूदा विभागों के अलावा योजना और विकास विभाग आवंटित करने और उपमुख्यमंत्री के रूप में नामित करने की सिफारिश की थी।

बता दें कि कुछ अरसा पहले उदयनिधि ने सनातन धर्म को लेकर बड़ा विवादित बयान दिया था। उन्होंने इसकी तुलना डेंगू व मलेरिया मच्छर और कोरोना वायरस से की थी। उन्होंने कहा था कि इसका जड़ से खात्मा जरूरी है। इसके बाद उनके खिलाफ देशभर में कई जगह मामले दर्ज कराए गए थे। उधर, सेंथिल को दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने मनी लांड्रिंग मामले में जमानत दी थी।

जून 2023 में गिरफ्तार किया गया था

उन्हें कैश फार जॉब से संबंधित केस में जून 2023 में गिरफ्तार किया गया था और इस साल फरवरी में मद्रास हाई कोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को उन्हें मंत्रिमंडल में बनाए रखने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की सलाह दिए जाने के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।