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    UGC का नया फरमान, अब ऑनलाइन या ओपन से नहीं होगी इन दो विषयों की पढ़ाई

    यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को 2025 से मनोविज्ञान और पोषण जैसे स्वास्थ्य सेवा विषयों की दूरस्थ शिक्षा या ऑनलाइन पढ़ाई पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। यह रोक नेशनल कमीशन फार एलायड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशंस एक्ट 2021 के तहत लागू होगी। यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने बताया कि जुलाई-अगस्त 2025 के बाद इन पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाली संस्थानों की मान्यता वापस ले ली जाएगी।

    By Digital Desk Edited By: Deepak Gupta Updated: Sun, 24 Aug 2025 10:00 PM (IST)
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    अब ऑनलाइन या ओपन से नहीं होगी इन दो विषयों की पढ़ाई

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे 2025 के शैक्षणिक सत्र से मनोविज्ञान और पोषण सहित स्वास्थ्य सेवा से संबंधित विषयों की दूरस्थ शिक्षण (डिस्टेंस एजुकेशन) या आनलाइन मोड में पढ़ाई नहीं कराएं। यह रोक नेशनल कमीशन फार एलायड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशंस (एनसीएएचपी) एक्ट, 2021 के तहत लागू होगी।

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    इन पाठ्यक्रमों में मनोविज्ञान, माइक्रोबायोलाजी (सूक्ष्म जीव विज्ञान), फूड एंड न्यूट्रिशन (खाद्य एवं पोषण विज्ञान), बायोटेक्नालाजी ( जैव प्रौद्योगिकी), क्लिनिकल न्यूट्रिशन (नैदानिक पोषण) और डाइटेटिक्स (आहार विज्ञान) शामिल हैं।

    उच्च शिक्षण संस्थान

    यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने कहा-'किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान (एचईआइ) को शैक्षणिक सत्र जुलाई-अगस्त, 2025 और उसके बाद मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षण और आनलाइन माध्यम से मनोविज्ञान समेत एनसीएएचपी अधिनियम, 2021 में शामिल किसी भी संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा पाठयक्रम पढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जुलाई-अगस्त 2025 और उसके बाद के शैक्षणिक सत्र के लिए ऐसे कार्यक्रमों की पेशकश करने के लिए एचईआइ को पहले से दी गई कोई भी मान्यता यूजीसी द्वारा वापस ले ली जाएगी।'

    उन्होंने कहा-'कला स्नातक (अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी, अर्थशास्त्र, इतिहास, गणित, लोक प्रशासन, दर्शनशास्त्र, राजनीति विज्ञान, सांख्यिकी, मानवाधिकार एवं कर्तव्य, संस्कृत, मनोविज्ञान, भूगोल, समाजशास्त्र, महिला अध्ययन) जैसे बहु-विशेषज्ञता वाले कार्यक्रमों के मामले में केवल एनसीएएचपी अधिनियम, 2021 में शामिल विशेषज्ञताओं को ही वापस लिया जाएगा।'

    उच्च शिक्षा नियामक दूरस्थ शिक्षा

    शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि वे आगामी शैक्षणिक सत्र से ऐसे पाठ्यक्रमों में किसी भी विद्यार्थी को प्रवेश न दें। यह निर्णय व्यावसायिक प्रशिक्षण में गुणवत्ता मानकों को लेकर चिंताओं के बीच लिया गया है। जोशी ने कहा-'यह निर्णय अप्रैल 2025 में आयोजित 24वीं दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो कार्य समूह की बैठक की सिफारिशों के बाद लिया गया है और हाल में आयोग की बैठक में इसे औपचारिक रूप दिया गया।'

    उच्च शिक्षा नियामक दूरस्थ शिक्षा और आनलाइन माध्यमों से व्यावसायिक और व्यावहारिक पाठ्यक्रमों के संचालन पर रोक लगाता है। इनमें इंजीनिय¨रग, चिकित्सा, दंत चिकित्सा, फार्मेसी, नर्सिंग, वास्तुकला, फिजियोथेरेपी, पैरामेडिकल विषय, कृषि, बागवानी, होटल प्रबंधन, खानपान प्रौद्योगिकी, ²श्य कला, कानून आदि शामिल हैं।

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