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UGC की मुहिम से मिलेगी उच्च शिक्षा को मिलेगी रफ्तार, थमेगा पलायन; ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश जारी

मोदी सरकार के पिछले दस सालों में इनमें बढ़त दर्ज हुई है जो 2014-15 में 23.7 से बढ़कर हाल में जारी हुई 2021-22 की रिपोर्ट में 28.4 प्रतिशत हो गई है। यूजीसी ने इसके साथ ही सभी संस्थानों को भारतीय ज्ञान परंपरा शोध कौशल विकास और इंडस्ट्री की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ने की योजनाओं भी काम करने को कहा है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Mon, 12 Feb 2024 07:45 PM (IST)
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UGC की मुहिम से मिलेगी उच्च शिक्षा को मिलेगी रफ्तार, थमेगा पलायन (File Photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को उच्च शिक्षा से जोड़ने और उन्हें देश में ही अच्छी शिक्षा मुहैया कराने की दिशा में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी ) ने पहल तेज की है। सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से अपने विकास का एक खाका तैयार करने को कहा है। जिसमें अगले सालों में वह संस्थानों किस रूप में देखना चाहते है। उसके लिए उन्हें किन-किन चीजों की जरूरत होगी। वह अपने संस्थानों में कितने छात्रों को और किन-किन विषयों की शिक्षा दे सकेंगे।

2047 तक विकसित बनाने का लक्ष्य

यूजीसी ने इसके लिए एक गाइडलाइन भी जारी की। जिसके आधार पर ही संस्थान अपने भविष्य की योजना को तैयार करने को कहा है। यूजीसी ने यह पहल तब की है, देश को 2047 तक विकसित बनाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए उच्च शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को भी विकसित देशों के मुकाबले खड़ा करना है। जो अमेरिका में मौजूदा समय में 88, ब्रिटेन में 60, जर्मनी में 70 और कनाडा में 69 प्रतिशत है। यानी इन देशों में उच्च शिक्षा हासिल करने की आयु वर्ग वाले प्रति सौ युवाओं में यह संख्या है।

शिक्षा का जीईआर 50 प्रतिशत पहुंचाने का लक्ष्य

वहीं भारत में मौजूदा समय में उच्च शिक्षा का जीईआर 28.4 प्रतिशत है जो इन विकसित देशों के मुकाबले काफी कम है। हालांकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी) के तहत केंद्र सरकार ने इस दिशा में पहल तेज की है। वर्ष 2035 तक देश के उच्च शिक्षा का जीईआर 50 प्रतिशत पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

विकास और इंडस्ट्री पर फोकस

मोदी सरकार के पिछले दस सालों में इनमें बढ़त दर्ज हुई है, जो 2014-15 में 23.7 से बढ़कर हाल में जारी हुई 2021-22 की रिपोर्ट में 28.4 प्रतिशत हो गई है। यूजीसी ने इसके साथ ही सभी संस्थानों को भारतीय ज्ञान परंपरा, शोध, कौशल विकास और इंडस्ट्री की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ने की योजनाओं भी काम करने को कहा है।

ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश

संस्थानों को शिक्षकों की संख्या, लैब, पूर्व छात्रों के नेटवर्क, डिजिटल सुविधाओं को जुटाने सहित उन सभी विश्वस्तरीय मानकों के आधार पर भी तैयारी करने के निर्देश दिए है, जिसके चलते मौजूदा समय में हर साल देश से बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई के लिए विदेशी संस्थानों की ओर रुख कर लेते है। मौजूदा समय में देश में करीब 11 सौ विश्वविद्यालय और करीब 45 हजार कालेज है।

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