विश्वविद्यालयों को भरनी होगी सभी खाली सीटें, अंतिम चरण के काउंसलिंग के बाद भी छात्रों को मिलेंगे मौके
UGC ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित सीयूईटी के जरिए प्रवेश देने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वह प्रवेश के दौरान स्नातक और परास्नातक कोर्सों से जुड़ी एक भी सीट खाली न छोड़ें।यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि किसी कोर्स की सीटें खाली रह जाती हैतो सीयूइटी में दूसरे कोर्सों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को नियमों में ढील देकर प्रवेश का मौका दिया जाए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विश्वविद्यालयों में सीयूइटी ( कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट) के जरिए प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होने के साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित सीयूईटी के जरिए प्रवेश देने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है, कि वह प्रवेश के दौरान स्नातक और परास्नातक कोर्सों से जुड़ी एक भी सीट खाली न छोड़ें। यह संसाधनों की बर्बादी है, साथ ही उन छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित करना भी है, जो उन संस्थानों के साथ जुड़कर पढ़ना चाहते है।
UGC ने जारी किए नए दिशा निर्देश
यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने गुरुवार को केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित दूसरे सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश को लेकर एक नई एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी किया है, जिसमें साफ तौर पर यह कहा है कि सीयूइटी के जरिए प्रवेश के लिए वैसे तो तीन से चार चरणों में काउंसलिंग आयोजित की जाती है, जिसका उद्देश्य सभी कोर्सों की सारी सीटें भरी जा सकें।
छात्रों को दिया जाए नियमों में ढीलः यूजीसी चेयरमैन
उन्होंने कहा कि यदि इसके बाद भी किसी कोर्स की सीटें खाली रह जाती है, तो सीयूइटी में दूसरे कोर्सों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को नियमों में ढील देकर प्रवेश का मौका दिया जाए। इस व्यवस्था के बाद भी यदि सीटें खाली रह जाती है, तो विश्वविद्यालयों उन्हें भरने के लिए नए सिरे से विश्वविद्यालय स्तर पर फिर से प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकता है। ताकि उन छात्रों को मौका मिल सके, जो किन्ही कारणों से सीयूइटी में शामिल नहीं हो पाए थे।विश्वविद्यालयों में सभी सीटों की भरने की हो कोशिश
यूजीसी ने चेयरमैन ने विश्वविद्यालयों से परीक्षा को पूरी पारदर्शिता के साथ करने और आरक्षण नियमों का पालन करने की सलाह दी है। यूजीसी चेयरमैन ने विश्वविद्यालयों को यह निर्देश ऐसे समय दिया है, जब देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। इस दौरान इन संस्थानों में हर साल अलग-अलग कोर्सों की काफी सीटें दाखिला न लेने के चलते खाली रह जाती है। यूजीसी चेयरमैन का मानना है कि हमें इन्हें भरने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए।
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