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UGC NET 2024 Leak: CBI ने दर्ज किया केस, परीक्षा से एक दिन पहले ही लीक हो गया था पेपर

यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले से शुरुआती जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक पेपर लीक होने की जानकारी 17 जून को पता चल गई थी। इसके बाद गृह मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय को इसकी जानकारी दी गई। हालांकि परीक्षा से पहले ऐसी झूठी घटनाओं को प्रसारित किए जाने के चलते इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। ऐसे परीक्षा अपने तय समय से दो शिफ्टों में देश भर में आयोजित हुई।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 20 Jun 2024 10:04 PM (IST)
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जांच एजेंसियों ने दावा किया कि परीक्षा से एक दिन पहले ही पेपर लीक हो गया था। (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यूजीसी नेट मामले पर सीबीआई ने शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा भेजी गई शिकायत के आधार पर धारा 120बी, 420 आईपीसी के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। गड़बड़ियों के चलते यूजीसी-नेट की पूरी परीक्षा अब भले ही रद कर दी गई है, लेकिन इस परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर जिस तरह के खुलासे हो रहे है वह चौंकाने वाले है। खासकर परीक्षा माफिया के हौसले किस तरह से बुलंद है, इसका अंदाजा नीट पेपर लीक विवाद के बीच दूसरे पेपर को लीक करने के उसके साहस से लगाया जा सकता है।

परीक्षा माफिया ने यूजीसी-नेट के पेपर को न सिर्फ परीक्षा से एक दिन पहले लीक किया बल्कि उसे सोशल नेटवर्किंग साइट टेलीग्राम के जरिए देश भर में पहुंचाया भी। बाद में इसे पांच-पांच हजार रुपए में कोचिंग संस्थानों के जरिए छात्रों को बेचने की भी जानकारी सामने आई है।

देश के कई शहरों में बेचे गए पेपर

परीक्षा के बाद एनटीए ने भी देश में परीक्षा के ठीक तरीके से संपन्न होने का दावा किया। लेकिन सबसे हाथ-पैर तब फूल गए जब टेलीग्राम पर मिले पेपर को परीक्षा के बाद यूजीसी-नेट के दोनों शिफ्टों के पेपर से मिलान कराया गया, तो पता चला कि पहले शिफ्ट का पेपर और टेलीग्राम पर मिला पेपर दोनों हूबहू एक ही थे। इसके बाद एनटीए और शिक्षा मंत्रालय हरकत में आई। तब तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पास भी पेपर लीक की जानकारी आ गई थी। जिसे पांच-पांच हजार में देश के कई शहरों में बेचे जाने भी जानकारी मिली।

जांच एजेंसियों ने दिखाई सतर्कता

यूजीसी- नेट पेपर लीक मामले पर नजर रख रहे उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो नीट परीक्षा में पेपर लीक होने की घटना के बाद से मंत्रालय ने आने वाली दूसरी परीक्षाओं को लेकर साइबर एजेंसियों सहित दूसरे एजेंसियों को भी सतर्क कर रखा है। ऐसे में पेपर लीक होते ही तुरंत ही उसे पकड़ लिया गया। यह बात अलग है कि उसकी जांच में लंबा समय लग गया,अन्यथा परीक्षा को पहले ही रोका जा सकता था।

पेपर लीक की जांच कर रहे अधिकारियों ने यह बताने से इनकार किया है कि इस पेपर के किन-किन शहरों में बेचे जाने की जानकारी मिली थी। उनका कहना था कि इसकी जांच की जिम्मा सीबीआई को दे दिया गया है, ऐसे में इनमें कुछ भी बताना जांच को प्रभावित करना है।

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