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पीएम मोदी के प्रस्ताव पर लगा संयुक्त राष्ट्र का मुहर, 190 देशों ने दिया मेमोरियल वॉल बनाने के लिए समर्थन

संयुक्त राष्ट्र में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय (United Nations General Assembly (UNGA)) में एक मेमोरियल वॉल (Memorial Wall) स्थापित करने के लिए भारत द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के मसौदे को स्वीकार कर लिया है।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Thu, 15 Jun 2023 11:54 AM (IST)
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पीएम मोदी के प्रस्ताव पर लगा संयुक्त राष्ट्र का मुहर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में शहीद सैनिकों के लिए शांति मिशन द्वारा एक मेमोरियल वॉल बनाने के लिए भारत द्वारा शुरू किए गए एक प्रस्ताव को अपनाया गया है और इस पहल का समर्थन करने वाले देशों को पीएम ने धन्यवाद दिया है।

संयुक्त राष्ट्र में मेमोरियल वॉल के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताई। पीएम मोदी ने सभी देशों को इस प्रस्ताव के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, “मुझे खुशी है कि शहीद शांतिरक्षकों के लिए एक नयी स्मारक दीवार स्थापित करने संबंधी प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित हो गया है। प्रस्ताव को रिकॉर्ड 190 देशों ने सह-प्रायोजित किया। समर्थन के लिए आप सभी का आभारी हूं।”

प्रस्ताव में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक उपयुक्त और प्रमुख स्थान पर शहीद शांतिरक्षकों की स्मृति का सम्मान करने के लिए एक स्मारक दीवार तैयार करने की सदस्य देशों की पहल का स्वागत किया गया। इस पहल में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शांतिरक्षकों के नाम दर्ज किया जाना भी शामिल है।

विश्व निकाय में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘मेमोरियल वॉल फॉर फॉलन यूनाइटेड नेशन्स पीसकीपर्स’ नामक मसौदा प्रस्ताव पेश किया था।

सर्वसम्मति से पारित किया गया यह प्रस्ताव

संयुक्त राष्ट्र के करीब 190 सदस्य देशों द्वारा सह-प्रायोजित इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। प्रस्ताव पेश करते हुए कंबोज ने कहा था कि स्मारक दीवार इस बात का प्रमाण होगी कि संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों को कितना महत्व देता है।

उन्होंने कहा कि यह स्मारक दीवार लोगों को न केवल शहीदों के बलिदान की याद दिलाएगी, बल्कि ‘‘हमारे फैसलों के लिए चुकाई गई असली कीमत का भी लगातार स्मरण कराएगी।’’