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बिना दावे वाले बैंक खातों की रकम पर केंद्र और आरबीआइ को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, याचिका में लगाई गई यह गुहार

supreme court on unclaimed funds सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पत्रकार सुचेता दलाल की याचिका पर केंद्र आरबीआई और अन्य को नोटिस जारी किया। याचिका निवेशकों और जमाकर्ताओं के लावारिस पैसे से संबंधित है जिसे विभिन्न नियामकों द्वारा ले लिया गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Fri, 12 Aug 2022 07:43 PM (IST)
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पत्रकार सुचेता दलाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके बिना दावे वाले धन का मुद्दा उठाया गया है!

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार सुचेता दलाल की याचिका पर केंद्र सरकार, आरबीआइ और अन्य संबंधित संस्थानों को नोटिस जारी किया है। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक इस याचिका में निवेशकों और जमाकर्ताओं की मृत कते बाद बिना दावे वाले धन का मुद्दा उठाया गया है जिसे विभिन्न नियामक अपने कब्जे में ले लेते हैं और यह रकम उनके असली कानूनी वारिस तक कभी पहुंचती ही नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट में दलाल की ओर से पैरवी अधिवक्ता प्रशांत भूषण कर रहे हैं। इस याचिका में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की अध्यक्षता में एक केंद्रीयकृत डाटा वेबसाइट भी बनाने की जरूरत पर बल दिया गया है। इसमें मृत बैंक खाता धारकों की मूलभूत जानकारी दी जाएगी।

इसी जानकारी के आधार पर मृत व्यक्ति के कानूनी वारिस या नामित सदस्य बिना किसी बाधा के खातों में जमा धन के लिए दावेदारी की प्रक्रिया शुरू कर सकेंगे। इसलिए याचिका में बैंक खातों, बीमा, पोस्ट आफिस फंड आदि की रकम क्लेम करने की प्रक्रिया सरल बनाने की भी मांग की गई है।

याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह ऐसे दिशा-निर्देश जारी करे जिससे जनता के बिना दावे वाले फंड की रकम को सरकारी कोष में जाने से रोका जा सके। याचिका में आग्रह किया गया है कि जमाकर्ताओं के शिक्षा व जागरूकता फंड (डेफ) में मार्च, 2021 तक 39,264.25 करोड़ रुपये की रकम थी।

इस कोष में 31 मार्च, 2020 तक महज 33,114 करोड़ रुपये ही थे। 2019 के मार्च महीने तक यह रकम 18,381 करोड़ रुपये थी। यह रकम उन जमाकर्ताओं की है जिनकी जमा रकमों को वापस हासिल करने के लिए कोई दावा ही नही किया गया।