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Underwater Metro In Kolkata: पानी के नीचे भरेगी रफ्तार, जानिए क्या-क्या होगा देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो में खास; 10 बड़ी बातें

Kolkata Under Water Metro देश में पहली अंडरवाटर मेट्रो की शुरुआत होने वाली है। कोलकाता मेट्रो हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड टनल भारत में किसी भी नदी के नीचे बनाए जाने वाली पहली परिवहन सुरंग है। हावड़ा मेट्रो स्टेशन भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन है। ये मेट्रो हावड़ा और कोलकाता को जोड़ेगी। अंडरवाटर मेट्रो टनल हुगली नदी के तल से 32 मीटर नीचे चलेगी।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Wed, 06 Mar 2024 11:36 AM (IST)
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कोलकाता में आज से अंडरवाटर मेट्रो सेवा की शुरुआत होने वाली है।(फोटो सोर्स: जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। India's First Under River Metro। देश में पहले अंडरवाटर मेट्रो की शुरुआत होने वाली है। मेट्रो टनल (सुरंग) कोलकाता की हुगली नदी के नीचे बनाई गई है। यह टनल 520 मीटर लंबी है। अंडरवाटर मेट्रो, हुगली नदी के तल से 32 मीटर नीचे चलेगी। यह मेट्रो हावड़ा को कोलकाता शहर से जोड़ेगी।

यह मेट्र टनल ईंजीनियरिंग का एक शानदार नमूना है। 4.8 किलोमीटर लंबी हावड़ा मैदान- एस्प्लेनेड मेट्रो खंड देश की पहली ऐसी मेट्रो परियोजना हैं, जिसमें हुगली के नीचे दो टनल तैयार की गई है। नदी के नीचे से मेट्रो दौड़ेगी। परिचालन शुरू होने के बाद हावड़ा देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन भी बन जाएगा।

अंडरवाटर मेट्रो टनल की खास बातें:

  • हुगली नदी के अंदर की 520 मीटर दूरी को मेट्रो ट्रेन महज 45 सेकंड में पूरी कर लेगी।
  • इस मेट्रो में ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन सिस्टम लगा है यानी मोटरमैन के बटन दबाते ही ट्रेन अपने आप अगले स्टेशन के लिए मूव करेगी।
  • अधिकतम रफ्तार 80 किमी प्रतिघंटे की होगी।
  • यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेन को कोच (रेक) में बेहतर ग्रैब हैंडल और हैंडल लूप के साथ-साथ एंटी-स्किड फर्श और अग्निशामक यंत्र भी इसमें रहेंगे।
  •  आपातकालीन स्थिति में यात्री टाक टू ड्राइवर यूनिट के माध्यम से मोटरमैन के साथ बातचीत भी कर सकेंगे।
  • प्रत्येक कोच की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी रहेंगे। प्रत्येक कोच में हाई क्लास सुविधाएं होगी।
  • हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक जाने में छह मिनट का समय लगेगा।
  • कुल 16 किमी के मार्ग में 10.8 किमी जमीन के भीतर से है। इसमें नदी का नीचे का हिस्सा भी शामिल है।
  • पानी के भीतर से गुजरने वाली मेट्रो गंगा की सहायक नदी हुगली के नीचे तलहटी से 13 मीटर नीचे से गुजरेगी। दोनों टनल समानांतर बनाए गए हैं।
  • इस मेट्रो में वर्ष 2035 तक 10 लाख यात्री सफर करेंगे।
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