क्या है 'Five Eyes', भारत पर कनाडा के आरोपों के बीच चर्चा के केंद्र में क्यों आया? World War II से है नाता
भारत और कनाडा के बिगड़ते संबंध के एक बीच एक नाम की चर्चा जोरों पर हैं। ये नाम है Five Eyes का। भारत और कनाडा विवाद के बीच इस नाम की चर्चा होना इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि इसमें वो देश शामिल हैं जिससे भारत के संबंध हाल के सालों में काफी मजबूत हुए हैं। इस अलायंस में अमेरिका ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड ब्रिटेन और कनाडा शामिल हैं।
By Mohd FaisalEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 23 Sep 2023 05:44 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले में कनाडा द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों के बाद अब दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई है। कनाडा के आरोपों पर भारत सरकार एक्शन मोड में है। भारत ने पहले कनाडा के उच्चायुक्त को तलब कर उन्हें पांच दिनों के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया। इसके बाद सरकार ने कनाडा के लिए वीजा सर्विस सस्पेंड कर नागरिकों की एंट्री पर रोक लगा दी।
हालांकि, भारत और कनाडा के बिगड़ते संबंध के एक बीच एक नाम की चर्चा जोरों पर हैं। ये नाम है 'Five Eyes' का। भारत और कनाडा विवाद के बीच इस नाम की चर्चा होना इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि इसमें वो देश शामिल हैं, जिससे भारत के संबंध हाल के सालों में काफी मजबूत हुए हैं।
क्या है Five Eyes?
दरअसल, 'Five Eyes' एक पांच देशों का समूह है। इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और कनाडा शामिल हैं। इस फाइव आइज अलायंस का मकसद खुफिया जानकारी को एक-दूसरे तक पहुंचाना है। सरकारी सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कनाडा और भारत के बीच संबंध बिगड़ने की शुरुआती वजह 'Five Eyes' है। कनाडा सरकार ने हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले की जांच करीब एक महीने पहले शुरू की थी। इस दौरान कनाडा सरकार ने कई जानकारियां जुटाई।
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कब बना था Five Eyes?
- बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसकी शुरुआत हुई थी।
- विश्व युद्ध के दौरान पहले सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन ही इसके सदस्य थे।
- दोनों देशों एक-दूसरे के साथ विश्व युद्ध से जुड़ी इंटेलिजेंस इनपुट को साझा करते थे।
- हालांकि, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भी इसे खत्म नहीं किया गया, बल्कि साल 1948 में इस गठबंधन में कनाडा भी शामिल हो गया।
- इसके बाद इस अलायंस का विस्तार हुआ और इसमें दो और देश शामिल हुए। साल 1956 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी इसके सदस्य बन गए।