Durga Pooja: भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को यूनेस्को प्रतिबद्ध, संस्था की सूची में दुर्गा पूजा शामिल
सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा पर यूनेस्को के 2003 के सम्मेलन की अंतरसरकारी समिति ने पिछले दिसंबर में कोलकाता में दुर्गा पूजा को मानवता की सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया था। भारत ने यूनेस्को की विरासत सूची के लिए गुजरात के गरबा को नामित किया है।
By Amit SinghEdited By: Updated: Sun, 28 Aug 2022 04:30 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसियां: कोलकाता के दुर्गा पूजा उत्सव को गत दिसंबर में यूनेस्को की सूची में शामिल करने पर शनिवार को यहां समारोह का आयोजन हुआ। इस समारोह में यूनेस्को ने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और संरक्षण की अपनी प्रतिबद्धता फिर से जताई। दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में आयोजित समारोह में यूनेस्को के शीर्ष अधिकारियों ने भारत के प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक स्मारकों के साथ-साथ इसकी समृद्ध और विविध मौजूदा विरासत की प्रशंसा की।
सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा पर यूनेस्को के 2003 के सम्मेलन की अंतरसरकारी समिति ने पिछले दिसंबर में कोलकाता में दुर्गा पूजा को मानवता की सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया था। इस कार्यक्रम की मेजबानी करने वाले संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव लिली पांड्या ने कहा कि अगले माह के अंतिम सप्ताह में शुरू होने जा रहा यह 10 दिनी उत्सव नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के सचिव टिम कर्टिस और यूनेस्को के नई दिल्ली कार्यालय के निदेशक और यूनेस्को के प्रतिनिधि, एरिक फाल्ट आयोजन के दौरान उपस्थित थे।
फाल्ट ने कहा कि भारत, शायद दुनिया के किसी भी देश की तुलना में अधिक अमूर्त सांस्कृतिक विरासत प्रथाओं का साक्षी है। उनमें से कई को सुरक्षा की आवश्यकता है। इस अवसर पर अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का भी शुभारंभ किया गया। संस्कृति मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि भारत की समृद्ध विरासत दुनिया में अद्वितीय है। भारत को हाल ही में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए यूनेस्को की अंतरसरकारी समिति का सदस्य बनाया गया है।
भारत ने यूनेस्को की विरासत सूची के लिए गुजरात के गरबा को नामित किया
भारत ने गुजरात के पारंपरिक गरबा नृत्य को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करने के लिए नामित किया है। यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के सचिव टिम कर्टिस ने राष्ट्रीय संग्रहालय में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, अगले साल के लिए इस नामांकन पर विचार किया जाएगा। नामांकन फाइलों की जांच 2023 के मध्य में मूल्यांकन निकाय द्वारा की जाएगी और अगले साल के अंत तक समिति के 2023 सत्र में फैसला किया जाएगा।