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आतंकियों को प्रतिबंधित करने पर कुछ देशों का रुख दुर्भाग्यपूर्ण : अमेरिका

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत क्रिस्टोफर बोले-सीमा पार आतंकवाद रोकने में भारत को पूरी मदद करेंगे। कहा-मई के बाद से पांच आतंकियों को बचा चुका है चीन ये सभी आतंकी पाकिस्तान में छिपे हैं। राजदूत क्रिस्टोफर ने बताया कि अमेरिका भी यहीं समझता है संयुक्त राष्ट्र में सुधार जरूरी है।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Sun, 30 Oct 2022 07:37 PM (IST)
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राजदूत क्रिस्टोफर ने बताया कि अमेरिका भी यहीं समझता है कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार जरूरी है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। आतंकवाद एक ऐसा मुद्दा है जिसके खिलाफ अमेरिका और भारत के बीच पहले से ही काफी गहरा सहयोग चल रहा है और आगे भी इस कोशिश को बढ़ाया जाएगा। खास तौर पर संयुक्त राष्ट्र में सुधार के जरिये आतंकियों और आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर किस तरह से रोक लगाई जाए, इसको लेकर दोनों देशों के बीच लगातार सहयोग हो रहा है।

सीमा पार आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा

हालांकि इस सहयोग की राह में कुछ देश अड़चन डाल रहे हैं जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बात संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत क्रिस्टोफर पी लू ने दैनिक जागरण के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में बताई। राजदूत क्रिस्टोफर ने बताया कि सीमा पार आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा है जिस पर रोक लगाने को लेकर कई स्तरों पर काम रहा है। इस संदर्भ में अमेरिका भारत के साथ पहले से ही काम कर रहा है और दोनों देशों के बीच आगे भी किस तरह से रणनीति बनाई जाए, इसको लेकर संपर्क कायम है।

संयुक्त राष्ट्र में सुधार जरूरी: राजदूत क्रिस्टोफर 

अमेरिका के लिए आतंकवाद का खात्मा एक बड़ा मुद्दा है और इस क्षेत्र में भारत सिर्फ एशिया में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में उसका सबसे महत्वपूर्ण पार्टनर है। वर्ष 2008 में भारत पर हमला करने वाले आतंकियों को सजा नहीं दिलाई जाने के बारे में लू ने कहा कि यह अमेरिका के लिए भी चिंता की बात है और दो दिन पहले ही विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी कहा है कि यह काम किया जाना है।

मुंबई हमले की साजिश रचने वालों को प्रतिबंधित करने की हमारी कोशिशों को दुर्भाग्य से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सफलता नहीं मिल पा रही है। हम भारत के साथ काम कर रहे हैं और आगे भी इस संदर्भ में प्रयास करते रहेंगे।

लू ने सीधे तौर पर नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर चीन पर था जिसने यूएनएससी में भारत और अमेरिका की तरफ से पाक में शरण पाए कुछ खूंखार आंतकियों को प्रतिबंधित करने के संयुक्त प्रस्ताव को वीटो ला कर गिरा दिया है। जिन पाक समर्थित आतंकियों को चीन ने बचाया है उसमें वर्ष 2008 के आतंकी हमले के प्रमुख साजिशकर्ता साजिद मीर और लश्कर-ए-तैयबा का अब्दुल मक्की भी है।

मई, 2022 के बाद से अभी तक पांच आतंकियों को चीन बचा चुका है। ये सभी आतंकी अभी पाकिस्तान में छिप के रह रहे हैं और भारतीय एजेंसियों का मानना है कि उन्हें पाकिस्तान से पूरी मदद मिल रही है। यह पूछे जाने पर कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार को लेकर भारत की मांग पर अमेरिका का क्या कहना है, राजदूत क्रिस्टोफर ने बताया कि अमेरिका भी यहीं समझता है कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार जरूरी है।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जो संगठन स्वरूप में आया था उसमें मौजूदा वैश्विक स्थिति को देखते हुए बदलाव की जरूरत है। हम कई तरह के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। एक राय यह है कि सुरक्षा परिषद में रहने वाले देशों की मौजूदा संख्या 15 से बढ़ाई जाए।

ज्यादा भौगोलिक क्षेत्रों को भी इसमें भागीदारी मिलनी चाहिए जैसे दक्षिणी अमेरिकी क्षेत्र और अफ्रीका। सुरक्षा परिषद के कामकाज में भी बदलाव पर विचार करना होगा। वीटो पावर का इस्तेमाल किस तरह से हो रहा है, यह भी देखना होगा।

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हाल ही में यूक्रेन को लेकर रूस ने जिस तरह से वीटो शक्ति का इस्तेमाल किया है, यह सभी ने देखा है। हम यूएन को और ज्यादा प्रभावशाली बना सकते हैं जो मौजूदा वैश्विक चुनौतियों का ज्यादा बेहतर तरीके से उठा सकता है। इन विषयों को लेकर भारत के साथ भी बात हो रही है और दूसरे देशों के साथ भी बातचीत चल रही है।

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