Manipur के कांगपोकपी में दंगाईयों और सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कई घायल, अतिरिक्त सैनिकों की हुई तैनाती
मणिपुर में कई दिनों से हिंसा जारी है। हिंसा में अब तक 100 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच मणिपुर के कांगपोकपी जिले के हारोथेल गांव में गुरुवार सुबह अज्ञात बंदूकधारियों ने गोलीबारी की। गोलीबारी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद गोलीबारी अब रुक गई है। बताया गया कि अज्ञात ने बिना किसी कारण के गोलीबारी की।
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 29 Jun 2023 03:23 PM (IST)
इंफाल,पीटीआई। Manipur Violence: मणिपुर में कई दिनों से हिंसा जारी है। हिंसा में अब तक 100 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच, मणिपुर के कांगपोकपी जिले के हारोथेल गांव में गुरुवार सुबह अज्ञात बंदूकधारियों ने गोलीबारी की।
सुरक्षा बलों ने संभाला मोर्चा
गोलीबारी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद गोलीबारी अब रुक गई है। बताया गया कि अज्ञात ने बिना किसी कारण के गोलीबारी की। सेना ने कहा कि किसी भी अतिरिक्त क्षति को रोकने के लिए सैनिकों ने सुव्यवस्थित तरीके से जवाब दिया। सैनिकों की त्वरित कार्रवाई के परिणामस्वरूप गोलीबारी बंद हो गई। अपुष्ट रिपोर्टों से कुछ लोगों के हताहत होने का संकेत मिला है।
सुरक्षा बलों के एक सूत्र ने कहा
हरओथेल गांव में बंदूकधारियों ने सुबह करीब 5.45 बजे बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी। असम राइफल्स के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की और गोलीबारी बंद हो गई। ऑपरेशन चल रहे हैं।
हिंसा में अब तक 100 से अधिक की मौत
बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में अब तक कई लोग घायल हुए हैं।क्या है पूरा मामला?
मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद तीन मई को पहली बार झड़पें हुईं थी।जानकारी के मुताबिक, मणिपुर में मैतेई लोगों की संख्या करीब 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। वहीं, आदिवासी- नागा और कुकी की आबादी करीब 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और ये पहाड़ी जिलों में रहते हैं।