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'यह कोई हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं है' UCC पर मनोज झा और कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल

समान नागरिक संहिता पर पीएम मोदी के बयान के बाद ये अटकलें लगाई जा रही है कि आगामी मानसून सत्र में यूसीसी बिल को सरकार संसद में पेश कर सकती है। एक तरफ जहां भाजपा शिवसेन (उद्धव) और आम आदमी पार्टी इस कानून को देशभर में लागू करने की वकलात कर रहे हैं वहीं कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां यूसीसी का विरोध कर रही है।

By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Sat, 01 Jul 2023 03:48 PM (IST)
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राज्यसभा सांसद मनोज झा और कपिल सिब्बल की फाइल फोटो।(फोटो जागरण)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' कार्यक्रम के दौरान यूसीसी की वकालत की।

यूसीसी पर पीएम मोदी के बयान के बाद ये अटकलें लगाई जा रही है कि आगामी मानसून सत्र में यूसीसी बिल को सरकार संसद में पेश कर सकती है। एक तरफ जहां भाजपा, शिवसेन (उद्धव) और आम आदमी पार्टी इस कानून को देशभर में लागू करने की वकलात कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां यूसीसी का विरोध कर रही है।

विपक्षी नेताओं ने यूसीसी का किया विरोध

शनिवार को समाचार एजेंसी पीटीआइ से बातचीत करते हुए राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, यह कोई हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है, कई लोग इसे वैसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।' उन्होंने आगे कहा,वे (भाजपा) हिंदुओं में विविधता के बारे में क्या करेंगे?।

वहीं, इस मामले पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी अपनी प्रतिक्रया दी। उन्होंने कहा,"प्रधानमंत्री का यूसीसी से क्या मतलब है? उन्हें पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि इसका मतलब क्या है। हम अभी भी नहीं जानते वह किन मुद्दों पर एकरूपता चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा,"जब तक कोई प्रस्ताव सामने नहीं आता, तब तक यूसीसी पर चर्चा की जरूरत नहीं है।"

यूसीसी पर पीएम मोदी ने क्या कहा?

पीएम मोदी ने समान नागरिक संहिता (UCC) की भी वकालत करते हुए कहा कि विपक्षी दल समान नागरिक संहिता का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा है,देश भी समान अधिकारों की बात करता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी लागू करने को कहा है। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा,मुस्लिम समुदाय के लोगों से संपर्क करते हुए उनके भ्रमको दूर करेगी।"

उत्तराखंड में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार

बताते चलें कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। समिति के 13 माह के कार्यकाल में अभी तक 52 बैठकें हो चुकी हैं। जानकारी के मुताबिक, इस ड्राफ्ट में पुत्री को संपत्ति में बराबर का अधिकार देने, बहुविवाह प्रथा पर रोक लगाने, तलाक को विधि सम्मत बनाने आदि की व्यवस्था की जा सकती है।