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Budget 2024: '10 साल में जो वादे किए उसके बारे में...', कांग्रेस अध्यक्ष खरगे बोले- सिर्फ काम चलाने का बजट, किसी के लिए कुछ नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में मोदी सरकार का दूसरा अंतरिम बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान सरकार की दस साल की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कई एलान किए। पेश किए गए बजट पर विपक्षी नेताओं ने इसे चुनावी लुभावने वाला बजट बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अंतरिम बजट पर कहा कि इस बजट में कुछ भी नहीं है।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Thu, 01 Feb 2024 05:53 PM (IST)
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सिर्फ काम चलाने का बजट, किसी के लिए कुछ नहीं- कांग्रेस अध्यक्ष खरगे (फोटो, एएनआई)

एएनआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में मोदी सरकार का दूसरा अंतरिम बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान सरकार की दस साल की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कई एलान किए। पेश किए गए बजट पर विपक्षी नेताओं ने इसे चुनावी लुभावने वाला बजट बताया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अंतरिम बजट पर कहा कि इस बजट में कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा, "मैंने बजट को ध्यान से सुना, इस बजट में गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं बताया गया। सिर्फ काम चलाने के लिए यह बजट है।"

सरकार ने दस साल के वादों का ब्यौरा नहीं दिया

खरगे ने कहा, "यह उनका बजट केवल रोजमर्रा के कामों के लिए बजट है। उन्होंने दस साल के वादों का ब्यौरा नहीं दिया, उन्हें अपने वादों से तुलना करनी चाहिए थी कि उन्होंने कितने वादे किए और कितनो को पूरा किया। उन्हें तुलनात्मक बयान देना चाहिए।"

अंतरिम बजट केवल रंग-बिरंगे शब्दों का मायाजाल

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हर साल की तरह मोदी सरकार का अंतरिम बजट केवल रंग-बिरंगे शब्दों का मायाजाल था। इसमें ठोस कुछ नहीं था, बड़े-बड़े और खोखले दावे करना इस सरकार की आदत है।

बजट में वादों का कोई जिक्र नहीं था

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट में कहा कि वे 2014 और 2024 की तुलना करने के लिए श्वेत पत्र सदन में रखेंगी। ऐसे में उनको बताना चाहिए कि पिछले दस सालों में सरकार ने जितने वादे किए गए, उनमें से कितने पूरे हुए? कितने बाकी हैं? बजट में उन वादों का कोई जिक्र नहीं था।

सालाना दो करोड़ नौकरियां देने का वादा पूरा नहीं हुआ

खरगे ने आगे कहा, "सालाना 2 करोड़ नौकरियां, किसानों की आय दोगुनी करना, 2022 तक सभी को पक्का घर, 100 स्मार्ट सिटी ये सभी वादें आज तक पूरे नहीं हुए। 2014 में जो कृषि विकास दर 4.6 फीसदी था, वो इस साल 1.8 फीसदी कैसे हो गया। यीपीए के दौरान हमारी खेती 4 फीसदी औसत से बढ़ती थी, वो आधा क्यों हो गया? क्यों 31 किसान हर रोज आत्महत्या करने पर मजबूर हैं?

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